State Government Role in PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर के गरीब और जरूरतमंद लोगों को पक्के मकान मुहैया कराना है। यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस योजना में राज्य सरकारों की क्या भूमिका है और हर राज्य में यह योजना कैसे काम करती है? चलिए जानते हैं इससे जुड़े अहम तथ्य।
पीएम आवास योजना क्या है?
प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद सभी राज्यों में गरीब परिवारों को किफायती और पक्का घर देना है। इसके तहत लाभार्थियों को मकान बनाने या खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाती है। यह योजना शहरी और ग्रामीण इलाकों में दो अलग-अलग स्वरूपों में लागू होती है:
- प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
State Government Role in PM Awas Yojana: राज्य सरकारों की भूमिका क्या है?
पीएम आवास योजना में राज्य सरकार की भूमिका (State Government Role in PM Awas Yojana) काफी अहम है। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर फंड देती हैं। केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में मकानों का आवंटन करती है, लेकिन लाभार्थियों का चयन और उन्हें आवास प्रदान करने का काम राज्य सरकारों के माध्यम से किया जाता है।
यूपी सरकार की नई पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को पारदर्शी बनाने के लिए नई पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “आवास प्लस एप” लॉन्च किया है। यह एप प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभार्थियों का चयन पारदर्शी तरीके से करेगा। 10 जनवरी से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन सर्वे शुरू किया गया है ताकि जरूरतमंदों को सही तरीके से लाभ दिया जा सके।
केंद्र और राज्य सरकारों का फंड शेयर
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में केंद्र और राज्य सरकारों का फंड शेयर अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने बताया कि अब केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी आर्थिक योगदान देंगी। इस साझेदारी से मकान निर्माण प्रक्रिया में तेजी आएगी और अधिक लोगों को योजना का लाभ मिलेगा।
पीएम आवास योजना का लक्ष्य
प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य देश के हर गरीब और जरूरतमंद परिवार को 2025 तक पक्का मकान देना है। योजना के दूसरे चरण में (PM Awas Yojana 2.0) तीन करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से एक करोड़ घर शहरी इलाकों में और दो करोड़ ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे।
योजना में पारदर्शिता क्यों जरूरी है?
पिछले कुछ वर्षों में कई बार योजना के लाभार्थियों के चयन को लेकर सवाल उठे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है। जैसे उत्तर प्रदेश में “आवास प्लस एप” का इस्तेमाल लाभार्थियों की सही पहचान और योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
हर राज्य के लिए योजना अलग क्यों दिखती है?
हालांकि योजना का उद्देश्य सभी राज्यों में एक जैसा है, लेकिन इसे लागू करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। हर राज्य अपनी जरूरतों और बजट के हिसाब से योजना में बदलाव कर सकता है। यही वजह है कि कुछ राज्यों में इसके कार्यान्वयन में तेजी दिखती है, तो कुछ में यह धीमी गति से चलता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना देश के गरीब और वंचित वर्गों को एक सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में एक बड़ी पहल है। केंद्र और राज्य सरकारों की साझेदारी से यह योजना प्रभावी तरीके से लागू की जा रही है। अब तकनीकी और पारदर्शी प्रक्रिया इसे और अधिक सफल बना रही है।
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