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पेट्रोल पंप से होने वाले प्रदूषण पर सख्ती: सीपीसीबी ने जारी की नई गाइडलाइन

पेट्रोल पंप
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देशभर में बढ़ते पर्यावरणीय खतरे को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पेट्रोल पंप से होने वाले भूजल और मिट्टी के प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। दरअसल पेट्रोल पंप में मौजूद भूमिगत टैंकों से रिसाव के कारण मिट्टी और पानी में हानिकारक रसायन मिल सकते हैं, जिससे मानव स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसे रोकने के लिए CPCB ने नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है, जिसमें सभी पेट्रोल पंप के आसपास के भूजल और मिट्टी की नियमित जांच को अनिवार्य किया गया है।

कैसे फैलता है पेट्रोलियम प्रदूषण?
पेट्रोलियम पदार्थों में कई रासायनिक तत्व होते हैं, जो रिसाव के कारण भूजल और मिट्टी में मिलकर उसे जहरीला बना सकते हैं। पेट्रोल पंप में आमतौर पर भूमिगत टैंकों में ईंधन संग्रहित किया जाता है, लेकिन थोड़ा-सा भी रिसाव पर्यावरण और इंसान दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए CPCB ने यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच का निर्देश दिया है कि इन टैंकों से कोई रिसाव न हो।

किन नियमों का पालन जरूरी?

CPCB द्वारा जारी मानकों के अनुसार, सभी पेट्रोल पंप को निम्नलिखित नियमों का पालन करना होगा –
भूजल की जांच अनिवार्य: पेट्रोल डिपो से 50 मीटर की दूरी पर तीन दिशाओं में भूजल के नमूने लिए जाएंगे। इससे यह पता लगाया जाएगा कि कहीं पानी में बेंजीन, टोल्यून, जाइलीन, मेथाइल टेरटीअरी बूटाइल ईथर (MTBE) और पॉलीसाइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन (PAH) जैसे हानिकारक तत्व तो नहीं मिले हैं।

मिट्टी की जांच भी होगी अनिवार्य: सभी पेट्रोल पंप के आसपास मिट्टी की गुणवत्ता की जांच भी करनी होगी। नए पेट्रोल पंप स्थापित करने के तीन महीने के भीतर इसकी रिपोर्ट जमा करनी होगी, और फिर हर साल इसकी निगरानी जारी रखनी होगी।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) की निगरानी: राज्य स्तरीय प्रदूषण नियंत्रण समितियां और बोर्ड इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि सभी पेट्रोल पंप इन नियमों का पालन करें।

वेपर रिकवरी सिस्टम: वायु प्रदूषण रोकने के लिए नया नियम
CPCB की नई SOP में वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने को भी अनिवार्य किया गया है। जब पेट्रोल भरा या निकाला जाता है, तो पेट्रोलियम पदार्थों की वाष्प निकलती है, जो हवा को प्रदूषित कर सकती है और सांस लेने पर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। वेपर रिकवरी सिस्टम इस वाष्प को नियंत्रित करेगा और हवा को शुद्ध बनाए रखने में मदद करेगा।

पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अहम कदम
CPCB द्वारा लागू की गई ये नई गाइडलाइंस पेट्रोल पंप के कारण होने वाले जल, मिट्टी और वायु प्रदूषण को रोकने में एक बड़ा कदम हैं। इससे न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पेट्रोल पंप मालिक और कंपनियां इन नियमों का कितना पालन करती हैं और देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए यह कदम कितना प्रभावी साबित होता है।

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