भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा बदलाव आया है। अब उसी दिन ट्रेड सेटलमेंट यानी शेयर की ख़रीद-फ़रोख्त के बाद उसी दिन पैसों का लेन-देन संभव होगा। इसे T+0 सेटलमेंट कहा जा रहा है।
भारत में पहले T+2 सेटलमेंट का नियम था, यानी शेयर ख़रीदीने के दो दिन बाद पैसा मिलता था। जनवरी 2023 से इसे बदलकर T+1 किया गया था। अब एक साल के भीतर ही T+0 लागू करने से बाज़ार में एक नई क्रांति आएगी।
T+0 सेटलमेंट से शेयर ख़रीदीने वाले को उसी दिन पैसा मिल जाएगा. इससे निवेशकों के लिए शेयर बाज़ार में निवेश करना और ज़्यादा आसान हो जाएगा। शेयर बेचने के बाद मिले पैसों को वे तुरंत फिर किसी दूसरी जगह निवेश कर सकेंगे, यानी उनकी लिक्विडिटी (नकदी) बढ़ जाएगी। ब्रोकरों के लिए भी ज़्यादा ट्रेड होने से आमदनी बढ़ेगी।
इसी के साथ, कुछ चुनौतियाँ भी सामने आएंगी। विदेशी निवेशकों (FPI) के लिए यह बदलाव मुश्किलें पैदा कर सकता है, क्योंकि उनके अलग-अलग देशों में अलग समय-सीमा के हिसाब से काम करने की आदत है। हो सकता है कि कुछ समय के लिए T+0 और T+1, दोनों तरह के सेटलमेंट सिस्टम चलते रहें जिससे शेयरों के दाम में भी अंतर रहेगा।
सेबी (SEBI) के अनुसार, T+0 वाले शेयर के दाम और T+1 वाले शेयर के दाम में 100 बेसिस पॉइंट्स तक का फ़र्क हो सकता है। हालांकि, बाजार के उतार चढ़ाव के साथ इन नियमों की समीक्षा भी की जाएगी। विदेशी संस्थाओं के लिए यह बड़ा बदलाव होगा और उन्हें ब्लॉकचेन, CBDC, या डिजिटल रुपए के माध्यम से पेमेंट करने की आवश्यकता हो सकती है।