पॉडकास्ट और रील्स पर टैक्स: आजकल देश में टैक्स से जुड़े मुद्दे काफी चर्चा में हैं। जहां एक ओर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न समेत कई उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की, वहीं दूसरी ओर मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन गौरव कपूर ने इस पर अपने अनोखे अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने पॉडकास्ट और रील्स पर टैक्स (Tax on Podcasts and Reels) लगाने की बात कही। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसे लोगों ने खूब पसंद किया।
गौरव कपूर के अनोखे सुझाव
गौरव कपूर हमेशा अपने हास्य के जरिए गंभीर मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करते हैं। इस बार उन्होंने पॉडकास्ट और रील्स पर टैक्स से जुड़े कुछ मजेदार सुझाव दिए। वीडियो में उन्होंने कहा: – पॉडकास्ट में 28% बातें हटाने का टैक्स लगना चाहिए।
शॉर्ट रील्स पर 2% “कट सेस” (Cut Surcharge) लगाया जाए।
गलत जानकारी पर “सरचार्ज” लागू किया जाए।
पॉडकास्ट में माइक और स्टूडियो का किराया इतना बढ़ा दिया जाए कि लोग सोचना छोड़ दें।
अगर पॉडकास्ट में दो लोग आमने-सामने बैठे हों, तो धारा 144 लागू कर दी जाए।
मजेदार सवालों पर भी टैक्स
गौरव ने अपने वीडियो में पॉडकास्ट में पूछे जाने वाले कुछ लोकप्रिय सवालों को हटाने की सलाह भी दी, जैसे:
“आप कितना कमाते हैं?”
“क्या आपको भूत नजर आते हैं?”
“क्या Yeti कपड़े पहनता है या बिना कपड़ों के घूमता है?”
उन्होंने सुझाव दिया कि इन सवालों पर टैक्स लगा दिया जाए ताकि पॉडकास्ट करने वालों को समझ आ सके कि दर्शक और बेहतर सवालों की उम्मीद करते हैं।
दरअसल गौरव कपूर का ये वीडियो तब आया है जब सरकार ने पॉपकॉर्न पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की। नई जीएसटी दरों के अनुसार:
बिना ब्रांडेड पॉपकॉर्न पर 5% टैक्स।
ब्रांडेड पॉपकॉर्न पर 12% टैक्स।
कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18% तक टैक्स।
गौरव ने इसे लेकर भी मजाक करते हुए कहा कि “अगला टैक्स शायद ऑक्सीजन पर भी लग सकता है।” गौरव की इस पोस्ट को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है । एक यूजर ने लिखा, “अब सांस लेने पर भी टैक्स लगा दो। लोग जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन ले रहे हैं।”
दूसरे ने कहा, “निर्मला जी को मनाकर मैं 80% टैक्स लगवाऊंगा।” एक और यूजर ने लिखा, “दुनिया AI और क्रिप्टो पर बात कर रही है और हम पॉपकॉर्न टैक्स पर।”
कॉमेडी का संदेश
स्टैंडअप कॉमेडियन ने इस पोस्ट के जरिए ये दिखाया कि कॉमेडी न केवल मनोरंजन है, बल्कि ये गंभीर मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करने का एक सशक्त माध्यम भी है। उन्होंने टैक्स से जुड़े मुद्दे को इतना दिलचस्प बना दिया कि लोग इसे देखकर न केवल हंसे, बल्कि सोचने पर भी मजबूर हुए।
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