तेलंगाना सुरंग हादसा: तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) परियोजना की सुरंग में फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव दल लगातार प्रयास कर रहा है। हालांकि, पांच दिन बीत जाने के बावजूद अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। स्थिति को देखते हुए अब बचाव कार्य में खोजी कुत्तों की मदद लेने की योजना बनाई जा रही है।
बचाव कार्य में आ रही चुनौतियां
नगरकुरनूल जिला कलेक्टर बी. संतोष ने जानकारी दी कि सुरंग में कीचड़ जमा होने लगा है, जिससे बचाव कार्य में दिक्कतें बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और राष्ट्रीय भौगोलिक अनुसंधान संस्थान (NGRI) के विशेषज्ञों से परामर्श लिया जा रहा है ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सके।
खोजी कुत्तों की मदद ली जाएगी
सुरंग में फंसे लोगों का पता लगाने के लिए अब स्निफर डॉग्स (खोजी कुत्तों) की मदद ली जाएगी। कलेक्टर संतोष के अनुसार, बचाव दल ने थर्मल फिशिंग बोट का उपयोग कर दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में सफलता हासिल की है। पहले बचाव दल और फंसे हुए लोगों के बीच लगभग 40-50 मीटर की दूरी थी, लेकिन अब कीचड़ के जमने से ये दूरी कम हो गई है।
फंसे हुए लोगों से अब तक संपर्क नहीं
नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रैट माइनर्स की 20 सदस्यीय टीम सुरंग के दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में सफल रही है। हालांकि, वहां मलबा बहुत अधिक है, जिससे बचाव कार्य बाधित हो रहा है। अभी तक फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, लेकिन सुरंग में निरंतर ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है।
कंपनी का बयान: कठिन कार्यों में होती हैं दुर्घटनाएं
परियोजना की ठेकेदार कंपनी जेपी समूह के संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश गौर ने इस घटना पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कठिन कार्यों में दुर्घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन बचाव दल पूरी कोशिश कर रहा है कि सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल सकें। जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड को एसएलबीसी सुरंग खोदने का ठेका दिया गया था।
नगरकुरनूल सुरंग हादसे में फंसे लोगों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अब खोजी कुत्तों और विशेषज्ञों की सहायता से बचाव अभियान को तेज करने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासन और बचाव दल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
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