इलेक्ट्रिक कारों के भविष्य को लेकर भारत में बड़ी हलचल मची हुई है। खबर है कि दुनिया की दिग्गज इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला जल्द ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ एक बड़ा करार कर सकती है। सूत्रों का कहना है कि यह करार भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए होगा।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क पहले ही भारत में इलेक्ट्रिक कारों की भारी मांग की तरफ इशारा कर चुके हैं। हालांकि, विदेश से बनकर आने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर भारी आयात कर (इम्पोर्ट ड्यूटी) उन्हें भारत में सस्ते दाम पर बेचने में एक बड़ी बाधा है। ऐसे में भारत में ही टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाना कंपनी के लिए भी फ़ायदेमंद हो सकता है।
वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी पिछले कुछ समय से ग्रीन एनर्जी और स्वच्छ वाहनों के क्षेत्र में बहुत दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि टेस्ला और रिलायंस दोनों इस साझेदारी को लेकर पिछले एक महीने से ज़्यादा समय से बातचीत कर रहे हैं। इस साझेदारी का मुख्य लक्ष्य भारत में ही इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को बढ़ावा देना है। रिलायंस को इस क्षेत्र में पहले से ही थोड़ा अनुभव है। पिछले साल उन्होंने अशोक लीलैंड के साथ मिलकर हाइड्रोजन से चलने वाला एक ट्रक भी लॉन्च किया था। इसके साथ ही, वह बैटरी स्वेपिंग जैसी नयी तकनीक पर भी काम कर रहे हैं।
रिलायंस की विशेषज्ञता और टेस्ला की तकनीक के मिलने से भारत को उच्च दर्जे के स्वदेशी इलेक्ट्रिक वाहन मिल सकते हैं। टेस्ला को भारत में अपनी फैक्ट्री के लिए जगह चुनने में भी रिलायंस मदद कर सकती है। सूत्रों की मानें तो अभी इस फैक्ट्री के लिए गुजरात और महाराष्ट्र का नाम सबसे आगे चल रहा है।
यह साझेदारी भारत के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में एक गेम-चेंजर हो सकती है। अभी भारत में इलेक्ट्रिक कारें आम लोगों के लिए थोड़ी महंगी हैं और चार्जिंग स्टेशनों की भी कमी है। अगर टेस्ला और रिलायंस साथ आते हैं, तो शायद टेस्ला कारों की कीमत में कमी आए और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेज़ी आए।
माना जा रहा है कि टेस्ला भारत में अपने काम के लिए लगभग 2 अरब डॉलर खर्च करेगी। हालांकि, इस साझेदारी के बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।