मुंबई के मुलुंड में एक नया और अनोखा पर्यटक स्थल जल्द ही आकार लेने वाला है। बहुप्रतीक्षित मुलुंड बर्ड पार्क के लिए नाहुर के एक भूखंड का आरक्षण बदलने के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ ही ये भूखंड अब औपचारिक रूप से बर्ड पार्क के लिए आरक्षित हो चुका है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में ये फैसला लिया गया है, जिसमें मुलुंड के विधायक मिहिर कोटेचा की पहल ने अहम भूमिका निभाई।
बर्ड पार्क की शुरुआत कैसे हुई?
इस परियोजना की नींव तब पड़ी जब विधायक मिहिर कोटेचा ने इस भूखंड के उपयोग को लेकर प्रस्ताव रखा। पहले ये भूखंड गार्डन या पार्क के लिए आरक्षित था, लेकिन जनवरी 2024 में मुंबई चिड़ियाघर के निदेशक ने इसके आरक्षण को बर्ड पार्क के लिए बदलने का सुझाव दिया। इसके बाद बीएमसी ने सितंबर 2024 तक सुझाव और आपत्तियों को आमंत्रित करने की प्रक्रिया पूरी की। जनवरी 2025 में ये प्रस्ताव शहरी विकास विभाग को भेजा गया, और फरवरी में शहरी नियोजन निदेशक ने अपनी रिपोर्ट सौंपी। अंततः 7 अप्रैल 2025 को सरकार ने इस आरक्षण बदलाव को अधिसूचित कर दिया।
क्या होगा मुलुंड बर्ड पार्क में खास?
ये बर्ड पार्क 17,958 वर्ग मीटर के विशाल क्षेत्र में फैला होगा और भायखला के वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान एवं चिड़ियाघर के उप-केंद्र के रूप में काम करेगा। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजी गई इस परियोजना की योजना में कई अनूठी विशेषताएं शामिल हैं। पार्क को विदेशी थीम पर डिज़ाइन किया जाएगा, जिसमें एशियन, अफ्रीकन, ऑस्ट्रेलियन और अमेरिकन ज़ोन जैसे थीम-आधारित एनक्लोज़र होंगे। इनमें पक्षियों को उनके प्राकृतिक आवास के अनुरूप रखा जाएगा, जिससे आगंतुकों को एक जीवंत और प्राकृतिक अनुभव मिलेगा।
पार्क में कुल 206 पक्षी होंगे, जो 18 क्षेत्रीय, संकटग्रस्त और विदेशी प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनमें रेड-ब्रेस्टेड पैराकीट, ब्लॉसम-हेडेड पैराकीट, वाइट पीकॉक, मालाबार ग्रे हॉर्नबिल, ब्लैक स्वान, ब्लैक मुनिया, गाला कॉकटू, शुतुरमुर्ग, क्राउनड पिजन और स्कार्लेट मकॉ जैसी खूबसूरत और दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं। ये पक्षी न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे, बल्कि बच्चों और छात्रों के लिए भी शैक्षणिक अनुभव प्रदान करेंगे।
मुंबई के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ये पार्क?
विधायक मिहिर कोटेचा का कहना है कि भायखला चिड़ियाघर के बाद मुलुंड बर्ड पार्क मुंबई और एमएमआर क्षेत्र में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में उभरेगा। ये पार्क उपनगरों और आसपास के इलाकों के निवासियों के लिए कम दूरी में एक शानदार मनोरंजन स्थल होगा। परिवारों, छात्रों और पर्यटकों के लिए ये न केवल मनोरंजक होगा, बल्कि पक्षियों और उनके प्राकृतिक आवास के बारे में जानने का एक शैक्षणिक मंच भी प्रदान करेगा।
मुलुंड बर्ड पार्क न केवल मुंबई की हरियाली को बढ़ाएगा, बल्कि शहर के पर्यटन मानचित्र पर एक नया अध्याय भी जोड़ेगा। ये पार्क पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव लेकर आएगा, जो मुंबई की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक ताज़ा हवा का झोंका साबित होगा।
ये भी पढ़ें: आखिर किस वजह से तोड़ा गया मुंबई का 35 साल पुराना जैन मंदिर?