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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पाला बदलने का इतिहास किसी रहस्य-रोमांचक कहानी से कम नहीं

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पाला बदलने का इतिहास किसी रहस्य-रोमांचक कहानी से कम नहीं

नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। अपने अद्वितीय फैसलों के चलते उन्हें ‘पलटू नेता’ कहा जाता है। हाल के लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद एक बार फिर उनकी राजनीति में बदलाव आने की अटकलें लगाई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें तेजस्वी यादव के साथ एक फ्लाइट में दिल्ली जाते देखा गया। 

आइए नजर डालते हैं नीतीश जी के ‘पाला बदलने’ के कुछ अहम मौकों पर:

2024 – इंडिया गठबंधन से मोहभंग

इस साल जनवरी में नीतीश ने आरजेडी और इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए का साथ लिया। उन्होंने सोचा कि मोदी के नेतृत्व में 2024 चुनाव जीतने की संभावनाएं बेहतर होंगी। नतीजतन वे मुख्यमंत्री बने रहे लेकिन अब उन्हें बीजेपी गठबंधन का समर्थन हासिल है।

2022 – बीजेपी से नाराजगी  

अगस्त 2022 में नीतीश ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया। उनका मानना था कि बीजेपी बिहार में जदयू के वोट शेयर को कम करने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने महसूस किया कि उनकी पार्टी बीजेपी के पीछे चल रही है, इसलिए नाता तोड़ लिया।

2017 – लालू पर भ्रष्टाचार के आरोप

2015 में नीतीश और लालू यादव ने मिलकर बिहार में भाजपा को बड़ा झटका दिया था। लेकिन 2017 में जब तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो नीतीश ने उनके इस्तीफे की मांग की। तेजस्वी के इनकार पर उन्होंने गठबंधन तोड़ा और एनडीए का साथ ले लिया।

2013 – नरेंद्र मोदी का विरोध

जून 2013 में नीतीश ने भाजपा के साथ 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया, जब नरेंद्र मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार रणनीति का नेतृत्व सौंपा गया। उन्होंने भाजपा पर अपनी उपेक्षा करने का आरोप लगाया और अलग हो गए। 

इस तरह देखा जाए तो नीतीश कुमार के पाला बदलने की यह राजनीतिक कहानी किसी रोमांचक उपन्यास से कम नहीं है। राजनीतिक हितों के चलते वे भगवा गठबंधन से सेकुलर गठबंधन तक में आते-जाते रहे हैं। उनके इन फैसलों ने उन्हें ‘पलटू’ नेता का खिताब दिला दिया है।

नतीजों के बाद उनके और तेजस्वी यादव के एक फ्लाइट में दिखने से नए सियासी समीकरण बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि दोनों दलों ने इसे संयोग बताया है। लेकिन क्या होगा आगे, यह देखना दिलचस्प होगा। नीतीश जी अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं और उम्मीद है कि इस बार भी उनके कदम पटरी से हटकर होंगे।

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