ऑनटीवी स्पेशल

व्हाइट हाउस में बटन दबाते ही खुलता है सीक्रेट सुरंग का खुफिया दरवाजा, एटम बम भी नहीं कर सकता बाल बांका

व्हाइट हाउस
Image Source - Web

व्हाइट हाउस (White House) अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास और देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ऐतिहासिक इमारत में कई खुफिया सुरंगें (Secret Tunnels) मौजूद हैं? ये सुरंगें राष्ट्रपति और उनके परिवार को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित निकालने के लिए बनाई गई हैं। आइए, इन सुरंगों की अनोखी बनावट और उनकी सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानते हैं।

व्हाइट हाउस: सुरक्षा और तकनीकी का मिश्रण
व्हाइट हाउस केवल एक इमारत नहीं है, ये सुरक्षा और तकनीकी का अद्भुत नमूना है। इसका निर्माण 1800 में हुआ था और इसे अमेरिकी इतिहास की कई घटनाओं का गवाह माना जाता है। हालांकि, समय के साथ बढ़ते खतरों और तकनीकी विकास ने व्हाइट हाउस की सुरक्षा को और मजबूत बनाने की जरूरत पैदा की। इसी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खुफिया सुरंगों का निर्माण किया गया। ये सुरंगें संकट के समय राष्ट्रपति और उनके परिवार को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का काम करती हैं।

पहली सुरंग: 1950 में शुरूआत
पहली खुफिया सुरंग 1950 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन (Harry S. Truman) के कार्यकाल में बनाई गई थी। उस समय व्हाइट हाउस की इमारत खस्ताहाल हो चुकी थी। दीवारों में दरारें आ गई थीं और इसे दोबारा बनाने की जरूरत महसूस हुई।

इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर एक सुरंग बनाई गई, जो ईस्ट विंग (East Wing) को वेस्ट विंग (West Wing) से जोड़ती थी। ये सुरंग खुफिया बंकर तक पहुंचने का एक जरिया थी। इस बंकर को राष्ट्रपति और उनके परिवार को परमाणु हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

दूसरी सुरंग: रीगन के दौर में बना सीक्रेट एग्जिट
1980 के दशक में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन (Ronald Reagan) के कार्यकाल में आतंकवादी हमलों की आशंका बढ़ गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए 1987 में दूसरी सुरंग बनाई गई। ये सुरंग ओवल ऑफिस (Oval Office) के पास से शुरू होती है और एक गुप्त सीढ़ी के जरिए भूमिगत बंकर तक पहुंचती है। इस सुरंग में एक बटन दबाते ही खुफिया दरवाजा खुल जाता है, लेकिन ये दरवाजा कहां ले जाता है, ये अब तक एक रहस्य बना हुआ है।

तीसरी सुरंग: ट्रेजरी बिल्डिंग तक का रास्ता
तीसरी खुफिया सुरंग, जो व्हाइट हाउस को ट्रेजरी बिल्डिंग (Treasury Building) से जोड़ती है, 33वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट (Franklin D. Roosevelt) के समय में बनाई गई थी। इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया कि ये हवाई हमलों और बम धमाकों से पूरी तरह सुरक्षित रहे। इस सुरंग की खासियत ये है कि ये कई अलग-अलग जगहों पर खुल सकती है, जिससे राष्ट्रपति को अज्ञात और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके।

परमाणु बम भी नहीं कर सकता नुकसान
व्हाइट हाउस के इन बंकरों और सुरंगों को इतने मजबूत कंक्रीट से बनाया गया है कि इन पर परमाणु बम और रेडिएशन का भी असर नहीं होता। यहां ऑक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम है और संकट के समय महीनों तक के लिए खाना-पानी उपलब्ध रहता है। सुरंगों के निर्माण कार्य को इतना गोपनीय रखा गया कि वहां काम कर रहे मजदूरों के फोन तक टैप किए जाते थे।

नए राष्ट्रपतियों को सुरंगों की जानकारी
जब कोई नया राष्ट्रपति पद की शपथ लेता है, तो उसे व्हाइट हाउस की इन खुफिया सुरंगों और बंकरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। साल 2017 में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को इन सुरंगों की सुरक्षा व्यवस्था दिखाई गई थी। यही प्रक्रिया जो बाइडन (Joe Biden) के राष्ट्रपति बनने के समय भी अपनाई गई।

व्हाइट हाउस की सुरक्षा का महत्व
व्हाइट हाउस की इन खुफिया सुरंगों को “President’s Emergency Operations Center” (PEOC) का हिस्सा माना जाता है। ये केवल एक संरचना नहीं है, बल्कि ये अमेरिका की सुरक्षा का प्रतीक है। इन सुरंगों की वजह से व्हाइट हाउस को एक अभेद्य किला कहा जा सकता है।

व्हाइट हाउस की खुफिया सुरंगें केवल तकनीकी चमत्कार नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्रपति और उनके परिवार की सुरक्षा का एक अहम हिस्सा हैं। ये सुरंगें ये सुनिश्चित करती हैं कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में राष्ट्रपति और उनकी टीम सुरक्षित रहें। ये कहना गलत नहीं होगा कि व्हाइट हाउस की ये सुरंगें दुनिया के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक हैं।

ये भी पढ़ें: अमेरिका कोई 1-2 तरह का नहीं बल्कि भारतीयों को देता है इतने तरह का वीजा!

You may also like