रायगढ़: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की ऐतिहासिक राजधानी रायगढ़ किले के पास स्थित ग्राम पंचायत छत्र निजामपुर का नाम बदलने की मांग तेज हो रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक गोपीचंद पडलकर ने इस ग्राम पंचायत का नाम बदलकर रायगढ़ वाडी करने की मांग की है।
निजामपुर नाम पर सवाल
पडलकर ने कहा, “रायगढ़ किला, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज ने स्वराज की स्थापना की, वहां की ग्राम पंचायत का नाम निजामपुर क्यों? निजाम का रायगढ़ से क्या संबंध? ये नाम स्वराज के प्रतीक के साथ न्याय नहीं करता।” उन्होंने मुख्यमंत्री से इस नाम को बदलने की मांग की है।
सरकार का रुख
ग्राम विकास राज्यमंत्री योगेश कदम ने कहा, “अगर इस संबंध में कोई प्रस्ताव आता है, तो उस पर विचार किया जाएगा।” ये मांग रायगढ़ जिले में चर्चा का विषय बन गई है।
पहले भी उठ चुकी है ऐसी मांग
हाल ही में छत्रपति संभाजीनगर जिले में भी इसी तरह का विवाद सामने आया था। सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने खुलताबाद का नाम बदलकर रत्नपुर और दौलताबाद का नाम बदलकर देवगिरि करने की मांग की थी। शिरसाट ने तर्क दिया कि खुलताबाद का मूल नाम रत्नपुर था, जिसे मुगल सम्राट औरंगजेब ने बदला था। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में जहां कहीं भी ‘-बाद’ वाले नाम हैं, जैसे दौलताबाद, हमारा लक्ष्य उनकी मूल पहचान बहाल करना है।”
ऐतिहासिक नामों की बहाली का मुद्दा
शिरसाट ने बताया कि खुलताबाद, जहां औरंगजेब की कब्र है, लंबे समय से विवाद का केंद्र रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र के अन्य शहरों जैसे धाराशिव और नगर के नामों को भी उनकी मूल पहचान से जोड़ने की बात कही।
रायगढ़ और छत्रपति संभाजीनगर में उठ रही ये मांगें महाराष्ट्र में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को लेकर एक बड़े विमर्श का हिस्सा बन रही हैं। क्या इन मांगों को सरकार स्वीकार करेगी, ये देखना बाकी है।
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