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बिहार में पर्यटन विभाग को मिली 113 एकड़ ‘लापता’ जमीन: जानिए कैसे सरकारी दस्तावेजों ने खोला यह रहस्य!

बिहार में पर्यटन विभाग को मिली 113 एकड़ 'लापता' जमीन: जानिए कैसे सरकारी दस्तावेजों ने खोला यह रहस्य!
बिहार पर्यटन विभाग ने हाल ही में एक बड़ी खोज की है। उन्हें 113 एकड़ जमीन मिली है, जिसके बारे में उन्हें पहले कोई जानकारी नहीं थी। यह खोज पुराने दस्तावेजों की जांच के दौरान हुई। इस जमीन का इस्तेमाल पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। सबसे ज्यादा जमीन नालंदा जिले में मिली है। इस खोज से बिहार में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

बिहार पर्यटन विभाग को मिला 113 एकड़ ‘गायब’ जमीन

बिहार पर्यटन विभाग ने हाल ही में एक बड़ी खोज की है। उन्हें 113 एकड़ जमीन मिली है, जिसके बारे में उन्हें पहले कोई जानकारी नहीं थी। यह खोज तब हुई जब विभाग ने पुराने दस्तावेजों की जांच की। इस खोज से बिहार में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

यह कहानी कैसे शुरू हुई? साल 2023 की शुरुआत में, बिहार पर्यटन विभाग ने पिछले 30 सालों के सरकारी कागजात की जांच शुरू की। इस दौरान उन्हें पता चला कि उनके पास 113 एकड़ जमीन है, जिसके बारे में वे नहीं जानते थे। यह जमीन विभाग के रिकॉर्ड में नहीं थी और इसके बारे में कोई लिखा-पढ़ी भी नहीं थी।

जमीन कहां-कहां मिली? इस 113 एकड़ जमीन में से सबसे ज्यादा 49 एकड़ जमीन नालंदा जिले में मिली। नालंदा बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का गृह जिला है। इसके अलावा, 22 एकड़ सहरसा में, 13 एकड़ मुंगेर में, 12 एकड़ वैशाली में, 9 एकड़ भागलपुर में और 5 एकड़ पश्चिम चंपारण में मिली।

जमीन की स्थिति क्या थी? सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, यह जमीन या तो ‘गैर मजरुआ’ यानी छोड़ी हुई थी, या फिर कुछ जगहों पर लोगों ने कब्जा कर लिया था। ज्यादातर मामलों में यह जमीन पहले किसी दूसरे सरकारी विभाग के पास थी और जमीन का स्वामित्व बदलने की प्रक्रिया (म्यूटेशन) पूरी नहीं हुई थी।

सरकार का क्या प्लान है? बिहार सरकार इस नई मिली जमीन का इस्तेमाल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करना चाहती है। बिहार के पर्यटन मंत्री नितीश मिश्रा ने बताया कि वे इस जमीन पर टूरिस्ट के लिए सुविधाएं बनाएंगे। उन्होंने कहा, “हमने सुपौल में पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के पास अपनी जमीन का पता लगाया है और हम वहां यात्रियों के लिए सुविधाएं बनाएंगे। हमने पनौरा धाम के पास भी एक जमीन वापस ली है, जहां हिंदू देवी सीता का जन्म हुआ माना जाता है।”

क्या चुनौतियां आईं? इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियां भी आईं। गया में 10 एकड़ जमीन वापस लेते समय कुछ लोगों ने विरोध किया। कुछ किसानों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई, जिन्होंने सरकारी अधिकारियों को काम करने से रोका था।

भविष्य की योजनाएं यह खोज बिहार सरकार के बड़े प्लान का हिस्सा है। सरकार 5,000 एकड़ की एक लैंड बैंक बनाना चाहती है, ताकि राज्य में निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इस नई मिली जमीन से इस प्लान को मदद मिलेगी।

इस तरह, बिहार पर्यटन विभाग जमीन (Bihar Tourism Department Land) की यह खोज राज्य के पर्यटन के लिए एक बड़ा मौका है। इससे न सिर्फ नए पर्यटन स्थल बनेंगे, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बिहार पर्यटन विभाग जमीन (Bihar Tourism Department Land) का सही इस्तेमाल करके राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है।

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