दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें फरवरी 2023 में शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने कहा कि केस में देरी हो चुकी है और अब जमानत देने में कोई दिक्कत नहीं है। आप नेताओं ने इसे सच की जीत बताया है। सिसोदिया को हर हफ्ते थाने में हाजिरी लगानी होगी।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जिंदगी में एक नया मोड़ आ गया है। 17 महीने की लंबी जेल यात्रा के बाद, 9 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। यह खबर आम आदमी पार्टी (आप) के लिए खुशी की लहर लेकर आई।
सिसोदिया को फरवरी 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और मार्च 2023 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। उन पर दिल्ली की शराब नीति से जुड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप था। कहा जाता था कि उन्होंने शराब बेचने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत ली थी।
सुप्रीम कोर्ट के जज बी आर गवाई और के वी विश्वनाथन ने सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि इस केस में बहुत देर हो चुकी है और अब जमानत देने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जमानत की शर्तें अब लागू नहीं होतीं।
आप के बड़े नेता संजय सिंह ने इस फैसले को “सच्चाई की जीत” बताया। उन्होंने कहा कि सिसोदिया को बिना कारण जेल में रखा गया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सतीेंद्र जैन भी जेल से बाहर आ जाएंगे।
पार्टी के एक और नेता राघव चड्ढा ने कहा कि सिसोदिया की रिहाई से पूरा देश खुश है। उन्होंने कहा कि सिसोदिया ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए थे। उन्हें 530 दिनों तक जेल में रखा गया, जबकि उनका “अपराध” सिर्फ गरीब बच्चों का भविष्य सुधारना था।
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर तंज कसा। उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सिसोदिया के 17 महीने उनके परिवार को लौटा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया पर कोई खास शर्त नहीं लगाई है। इसका मतलब है कि वे अपना काम फिर से शुरू कर सकते हैं। लेकिन उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को थाने में हाजिरी लगानी होगी।
सिसोदिया पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया था। सीबीआई ने उन पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 के तहत रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। पीएमएलए के तहत, आरोपी को यह साबित करना होता है कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है।
सिसोदिया की जमानत से आप कार्यकर्ताओं में नई उम्मीद जगी है। पार्टी को लगता है कि अब उनके दूसरे नेता भी जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे। लेकिन सरकार का कहना है कि कानून अपना काम करेगा और जांच जारी रहेगी।
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