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पीलीभीत में अंधविश्वास की त्रासदी: करंट से बेहोश युवक को मिट्टी में दबाया, मौत की दुखद कहानी

पीलीभीत
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पीलीभीत, उत्तर प्रदेश – एक ऐसी घटना, जो न केवल दिल दहलाने वाली है, बल्कि समाज में गहरे पैठे अंधविश्वास की कड़वी सच्चाई को भी उजागर करती है। पीलीभीत के घुंघचाई थाना क्षेत्र के लुकटिहाई गांव में एक युवक की जान सिर्फ इसलिए चली गई, क्योंकि उसके परिजनों ने समय पर इलाज की बजाय पुरानी मान्यताओं पर भरोसा किया। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि हमें जागरूकता और शिक्षा की जरूरत पर भी सोचने को मजबूर करती है।

क्या हुआ था उस सुबह?
शुक्रवार की सुबह, 30 वर्षीय दाताराम अपने घर पर तिरपाल लगाने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए वह बांस काट रहा था। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था। काटते समय बांस गलती से ऊपर से गुजर रही बिजली की तार से टकरा गया। तेज करंट का झटका लगा और दाताराम तड़पते हुए जमीन पर गिर पड़ा। आसपास मौजूद लोगों ने किसी तरह उसे करंट से अलग किया, लेकिन वह पूरी तरह बेहोश हो चुका था।

अंधविश्वास ने छीनी जान
हैरानी की बात यह है कि परिजनों ने तुरंत अस्पताल ले जाने की बजाय एक अजीबोगरीब कदम उठाया। अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर उन्होंने दाताराम को मिट्टी में दबा दिया। उनकी मान्यता थी कि ऐसा करने से करंट का असर खत्म हो जाएगा। घंटों तक यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन दाताराम की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। आखिरकार, जब परिजनों को लगा कि मामला गंभीर है, तब उसे अस्पताल ले जाया गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डॉक्टरों की चेतावनी: समय पर इलाज था जरूरी
अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि अगर दाताराम को समय पर लाया गया होता, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी। करंट लगने के बाद तुरंत चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराना बेहद जरूरी होता है। लेकिन अंधविश्वास के कारण की गई देरी ने इस युवक की जिंदगी छीन ली। इस घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

अंधविश्वास का जाल: एक सामाजिक चुनौती
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब अंधविश्वास ने किसी की जान ले ली हो। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण लोग अक्सर ऐसी मान्यताओं पर भरोसा कर लेते हैं, जो न केवल गलत हैं, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या हमारा समाज वैज्ञानिक सोच और आधुनिक चिकित्सा को अपनाने के लिए तैयार है?

जागरूकता की जरूरत
इस दुखद घटना से हमें सबक लेने की जरूरत है। बिजली के झटके जैसी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए। साथ ही, सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है, ताकि लोग अंधविश्वास को छोड़कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं।

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