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मोदी सरकार के दो बड़े फैसले – लैटरल एंट्री और नई पेंशन स्कीम (यूपीएस)

मोदी सरकार के दो बड़े फैसले - लैटरल एंट्री और नई पेंशन स्कीम (यूपीएस)
मोदी सरकार के दो फैसले: नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में दो बड़े फैसले लिए। इन फैसलों से सरकार की काम करने की शैली में बदलाव की झलक दिखती है। आइए जानें इन फैसलों के बारे में और समझें कि ये क्यों महत्वपूर्ण हैं।

पहला फैसला: लैटरल एंट्री

सरकार ने सोचा था कि वो निजी कंपनियों से कुछ लोगों को सीधे सरकारी नौकरी में ले आएगी। इसे ‘लैटरल एंट्री’ कहा गया। यह योजना थी कि 45 लोगों को बड़े पदों पर रखा जाएगा। लेकिन यह फैसला लोगों को पसंद नहीं आया।

क्यों वापस लिया गया यह फैसला?

  1. कई लोगों ने इसका विरोध किया। उन्हें लगा कि इससे नौकरियों में आरक्षण पर असर पड़ेगा।
  2. सरकारी अफसरों को भी लगा कि उनकी तरक्की पर असर पड़ेगा।
  3. सरकार ने शायद इस फैसले के बारे में सबसे बात नहीं की थी।

इस विरोध के कारण, सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया। यह दिखाता है कि अगर कोई फैसला लोगों को पसंद नहीं आता, तो उसे लागू करना मुश्किल हो जाता है।

दूसरा फैसला: नई पेंशन स्कीम (यूपीएस)

दूसरा फैसला था एक नई पेंशन स्कीम शुरू करना, जिसे यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) कहा गया। यह फैसला लोगों को पसंद आया।

यूपीएस के फायदे:

  1. इसमें सरकारी कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी का 50% पेंशन मिलेगा।
  2. सरकार पहले से ज्यादा पैसा इस स्कीम में लगाएगी।
  3. कर्मचारियों को भी कुछ पैसा लगाना होगा।

इस फैसले को लेकर सरकार ने सबसे बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कर्मचारियों से मिलकर उनकी बात सुनी। इसलिए इस फैसले का विरोध नहीं हुआ।

इन दो फैसलों से पता चलता है कि सरकार कैसे काम करती है। कभी-कभी उसे अपने फैसले बदलने पड़ते हैं। लेकिन जब वो सबकी बात सुनती है, तो अच्छे फैसले हो सकते हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि सरकार ऐसे और कौन से फैसले लेती है जो देश के लिए अच्छे हों ।

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