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Uddhav Thackeray: देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को दी नसीहत

Uddhav Thackeray: देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी को दी नसीहत

Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों नई हलचल है। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद एक बयान दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में चर्चा को तेज कर दिया। उद्धव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि अब उन्हें वीर सावरकर पर रोना बंद करना चाहिए (Stop Criticizing Veer Savarkar)

राहुल गांधी और वीर सावरकर पर विवाद

राहुल गांधी लंबे समय से वीर सावरकर पर हमलावर रहे हैं। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान उन्होंने सावरकर के एक लेख का जिक्र किया, जिसमें कथित तौर पर मनुस्मृति की प्रशंसा की गई थी। राहुल ने सावरकर को लेकर कई बार तीखे बयान दिए हैं, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच तनाव की स्थिति बनी है।

उद्धव ठाकरे का बदला हुआ सुर

उद्धव ठाकरे ने पहली बार कांग्रेस और राहुल गांधी पर सीधे निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को नेहरू पर बोलना बंद करना चाहिए और कांग्रेस को वीर सावरकर पर रोना बंद करना चाहिए।” उद्धव ने यह भी कहा कि अगर बीजेपी सावरकर को भारत रत्न नहीं दे सकती, तो उन्हें सावरकर का नाम लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि शिवसेना (उद्धव गुट) महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और एनसीपी भी शामिल हैं।

बीजेपी और सावरकर का सम्मान

उद्धव ने बीजेपी पर भी सवाल उठाए और कहा कि उनकी सरकार ने दो बार सावरकर को भारत रत्न देने की सिफारिश की थी। लेकिन बीजेपी अब तक ऐसा करने में नाकाम रही है। उद्धव ने कहा, “अगर बीजेपी सावरकर को वह सम्मान नहीं दे सकती, तो उन्हें सावरकर के नाम पर राजनीति करने का अधिकार नहीं है।”

पहले क्यों चुप थे उद्धव?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कई बार सावरकर पर टिप्पणियां की थीं, लेकिन उस समय उद्धव ठाकरे ने इस पर कोई सीधा जवाब नहीं दिया। एमवीए गठबंधन के भीतर उनकी स्थिति कांग्रेस के साथ सामंजस्य बनाए रखने की थी। लेकिन अब उद्धव के बदलते सुर यह संकेत देते हैं कि राजनीतिक समीकरणों में बदलाव हो सकता है।

शिवसेना और सावरकर का नाता

शिवसेना के दोनों गुट वीर सावरकर को महाराष्ट्र का नायक मानते हैं। सावरकर को लेकर राहुल गांधी के तीखे बयान शिवसेना के लिए हमेशा मुश्किल का कारण बने हैं। एकनाथ शिंदे गुट और बीजेपी इस मुद्दे पर खुलकर कांग्रेस पर हमला करते रहे हैं।

फडणवीस से मुलाकात के मायने

देवेंद्र फडणवीस से उद्धव ठाकरे की हालिया मुलाकात ने भी राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया है। मुलाकात के बाद उद्धव के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ रही है।

क्या बदलेगा महाराष्ट्र का राजनीतिक समीकरण?

उद्धव ठाकरे के बयान और फडणवीस से मुलाकात को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एमवीए में दरार बढ़ सकती है। हालांकि, उद्धव ने अपने बयान में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को निशाने पर लिया, लेकिन कांग्रेस के प्रति उनका रुख खासा कड़ा दिखा।

राहुल गांधी के लिए संदेश

उद्धव ठाकरे का बयान कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए एक साफ संदेश है। एमवीए के भीतर शिवसेना (उद्धव गुट) अपनी विचारधारा के मुद्दों पर समझौता करने को तैयार नहीं दिखती। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या एमवीए गठबंधन में कोई बड़ा बदलाव होता है।

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