महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ठाकरे गुट के नेताओं ने मंत्रियों और विधायकों की शिकायतों को लेकर पहले राज्यपाल से मुलाकात की और अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने की योजना बना रहे हैं। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने इसकी जानकारी दी।
राज्यपाल को सौंपा गया था ज्ञापन
हाल ही में ठाकरे गुट ने सत्ताधारी दलों के कुछ मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की थीं। इसके लिए उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा था। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राज्यपाल सरकार को इस मामले में कार्रवाई के लिए निर्देश देंगे। ठाकरे गुट इस फैसले का इंतजार कर रहा है, लेकिन इसके साथ ही वे इस मुद्दे को राष्ट्रपति के सामने भी उठाने की तैयारी में हैं।
राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा
शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के लिए समय मांगा है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह ये मुलाकात हो सकती है। इस प्रतिनिधिमंडल में अंबादास दानवे के अलावा ठाकरे गुट के विधायक और दिल्ली के कुछ सांसद भी शामिल हो सकते हैं।
मंत्रियों के इस्तीफे की मांग तेज
बीते रविवार (28 जुलाई) को उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों और नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर कुछ मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की थी। इन मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आरोप, सबूत और उनके आपत्तिजनक बयानों का हवाला देते हुए ठाकरे गुट ने लिखित शिकायत दर्ज की थी। अब यही शिकायत वे राष्ट्रपति के सामने भी रखने जा रहे हैं और उन्हें भी एक ज्ञापन सौंपेंगे।
महाराष्ट्र की इस सियासी हलचल से राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। क्या ठाकरे गुट की ये रणनीति सत्तारूढ़ गठबंधन पर दबाव बनाने में कामयाब होगी? ये देखना दिलचस्प होगा।
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