शिवसेना शिंदे गुट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे स्मारक के अध्यक्ष पद से हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
ये फैसला मुंबई के रंगशारदा हॉल में हुई शिवसेना शिंदे गुट की बैठक में लिया गया, जहां आगामी नगर निगम चुनावों को ध्यान में रखते हुए कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उद्धव ठाकरे अब बालासाहेब ठाकरे स्मारक के अध्यक्ष नहीं रहेंगे।
गौरतलब है कि नवंबर 2022 में विधान परिषद सदस्य प्रसाद लाड ने स्मारक को राज्य सरकार के अधीन करने की मांग की थी, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। हाल ही में उद्धव ठाकरे ने स्मारक स्थल का दौरा किया और उसके कार्यों का जायजा लिया था। इसके बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की, लेकिन शिंदे गुट ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी।
शिवसेना शिंदे गुट का आरोप
शिवसेना नेता रामदास कदम ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की मूल विचारधारा को कमजोर किया और कांग्रेस के साथ गठजोड़ करके बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को स्मारक के अध्यक्ष पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।
क्या होगा आगे?
शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने जानकारी दी कि इस प्रस्ताव को जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास भेजा जाएगा और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि उद्धव ठाकरे को तुरंत अध्यक्ष पद से हटाया जाए।
ये कदम उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जो पहले ही अपनी राजनीतिक स्थिति को लेकर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री फडणवीस इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेते हैं और शिवसेना की इस आंतरिक लड़ाई का आगे क्या परिणाम होता है।
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