बच्चों में कैंसर के इलाज के दौरान, उनकी भूख कम हो जाती है और खाने में कई परहेज़ करने पड़ते हैं। ऐसे बच्चों के लिए 21 माँओं ने, NGO की मदद से, विशेष और स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजनों की एक पुस्तिका बनाई है।
कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसे उपचारों के कारण बच्चों की भूख कम हो जाती है, साथ ही उन्हें कई खाद्य पदार्थों से परहेज़ भी करना पड़ता है। ऐसे में पौष्टिक भोजन न मिलने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बीमारी से लड़ने में मुश्किलें बढ़ जाती हैं।
भारत भर में कैंसर से पीड़ित बच्चों की देखभाल करने वाली माँओं के एक अनूठे प्रयास ने एक विशेष व्यंजन पुस्तिका को जन्म दिया है। ‘Happy Healthy Meals’ नाम की इस 38-पेज की पुस्तिका को NGO ‘सेंट जूड इंडिया चाइल्डकेयर सेंटर्स’ ने तैयार किया है। इसमें ऐसी 21 माँओं के स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन शामिल हैं जो न सिर्फ़ पौष्टिक हैं, बल्कि स्वाद में भी लाजवाब हैं, जिन्हें कैंसर से लड़ रहे बच्चे भी चाव से खा सकते हैं।
इस पुस्तिका की ख़ास बात यह है कि इसमें हर व्यंजन के साथ उसको बनाने वाली माँ और बच्चे की एक तस्वीर और कहानी भी है। जैसे, इसमें शुगर के शौक़ीन तीन वर्षीय श्रेयान घोष के लिए उसकी माँ दुर्गारानी घोष ने करेले से मिठाई बनाने का नुस्खा शामिल किया है। इस पुस्तिका में कच्चे आम के पराठे, काले चने के लड्डू जैसे व्यंजन भी हैं जो बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
इस पहल के बारे में डॉ. श्रीपद बनवली (टाटा मेमोरियल सेंटर) का कहना है कि कैंसर के इलाज के दौरान घर का बना खाना बच्चों को संक्रमण के ख़तरे से बचाने में मदद करता है।
NGO के सीईओ अनिल नायर कहते हैं, “पौष्टिक आहार उपचार, रिकवरी और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। माँएँ इस चुनौती से निपटने के लिए खाने में नई-नई चीज़ें और तरीके आज़माती हैं। भोजन से परे, यह प्यार भरा प्रयास बच्चों का मनोबल बढ़ाने में मदद करता है।”
माँओं द्वारा बनाई गई यह व्यंजन पुस्तिका उनके बच्चों के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। यह पुस्तिका NGO की वेबसाइट से मुफ्त में डाउनलोड की जा सकती है।