पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने महिला रेसलिंग के 50 किलोग्राम वर्ग में अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में विश्व की नंबर 1 पहलवान युई सुसाकी को हराकर एक बड़ा उलटफेर किया। इसके बाद, सेमीफाइनल में जीत हासिल करते हुए उन्होंने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर दी। हालांकि, फाइनल मुकाबले से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में विनेश की याचिका
इस विवाद के बाद, विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान, विनेश ने पेरिस ओलंपिक में हुई अनियमितताओं को उजागर किया और यह भी बताया कि क्यों वह वजन कम करने में असफल रही। विनेश के अनुसार, रेसलिंग वेन्यू और एथलीट विलेज के बीच की दूरी बहुत ज्यादा थी, और उनके मुकाबलों का शेड्यूल भी बेहद व्यस्त था। इन दोनों कारणों की वजह से वह अपना वजन कम नहीं कर पाईं।
कानूनी प्रक्रिया और उम्मीदें
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और विनेश फोगाट की ओर से हरिश साल्वे ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा। उन्होंने भारतीय पहलवान को न्याय दिलाने के लिए कानूनी दलीलें दीं और तर्क प्रस्तुत किए। इस मामले की सुनवाई 9 अगस्त को करीब 3 घंटे तक चली थी। सुनवाई एनाबेले बेनेट द्वारा की गई थी, और आज यानी 10 अगस्त को फैसले की उम्मीद है। IOA को उम्मीद है कि फैसला विनेश के पक्ष में होगा।
विनेश को मिलेगा सिल्वर मेडल?
फाइनल मुकाबले से पहले वजन अधिक पाए जाने के कारण विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप, सेमीफाइनल में उनकी प्रतिद्वंदी गुजमैन लोपेज को फाइनल में खेलने का मौका मिला, हालांकि वो हार गईं लेकिन सिल्वर मेडल अपने नाम किया। विनेश की याचिका में इस मेडल को साझा करने की बात उठाई गई है। अगर याचिका स्वीकार की जाती है, तो आज 10 अगस्त को विनेश को सिल्वर मेडल मिलने की संभावना है। इससे भारत की मेडल की संख्या बढ़कर 7 हो जाएगी और ये टोक्यो ओलंपिक के मेडल की संख्या के बराबर हो जाएगा।
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