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Violent Brawl on Ladies Special Train: चर्चगेट-विरार लेडीज स्पेशल ट्रेन में दो महिलाओं की हिंसक झड़प, वीडियो वायरल

Violent Brawl on Ladies Special Train: चर्चगेट-विरार लेडीज स्पेशल ट्रेन में दो महिलाओं की हिंसक झड़प, वीडियो वायरल

Violent Brawl on Ladies Special Train: मुंबई की लोकल ट्रेनें शहर की जीवनरेखा हैं, लेकिन कभी-कभी ये भीड़भाड़ और तनाव का कारण बन जाती हैं। 19 जून 2025 को, चर्चगेट-विरार लेडीज स्पेशल ट्रेन (Ladies Special Train) में एक ऐसी घटना घटी, जिसने सभी को हैरान कर दिया। एक दो मिनट चार सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दो महिलाओं के बीच हिंसक झड़प (Violent Brawl) दिखाई दे रही है। इस झड़प में बाल खींचने, मुक्के मारने और गाली-गलौज की नौबत आ गई, जिसमें एक महिला के चेहरे से खून बहने लगा। यह घटना न केवल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करती है, बल्कि मुंबई की भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों में बढ़ते तनाव को भी उजागर करती है।

यह घटना गुरुवार शाम 6:13 बजे की चर्चगेट-विरार लेडीज स्पेशल ट्रेन (Ladies Special Train) में हुई, जब ट्रेन भायंदर स्टेशन के पास पहुँच रही थी। अधिकारियों के अनुसार, रात करीब 7:30 बजे दो महिलाओं के बीच विवाद शुरू हुआ। वीडियो में दिखता है कि भीड़भाड़ वाले डिब्बे में दोनों महिलाएँ एक-दूसरे के बाल खींच रही हैं और मुक्के मार रही हैं। एक महिला के माथे से खून बह रहा था, जो देखने में बेहद डरावना था। अन्य यात्री “छोड़ो, छोड़ो” चिल्लाते हुए बीच-बचाव करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन झड़प रुकने का नाम नहीं ले रही थी। एक यात्री ने डिब्बे का दरवाजा बंद कर दिया, ताकि कोई बाहर न गिर जाए, क्योंकि यह झगड़ा ट्रेन के दरवाजे के पास हो रहा था और ट्रेन चल रही थी।

भायंदर स्टेशन मास्टर को इस झड़प की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने तुरंत वसई रोड गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) के हेड कॉन्स्टेबल नगारगोजे को सूचित किया। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स (एमएसएफ) के कर्मचारी तुरंत भायंदर स्टेशन पर पहुँचे और दोनों महिलाओं को ट्रेन से उतार लिया। इन महिलाओं की पहचान कविता रामचंद्रन (31), जो विरार ईस्ट की निवासी हैं, और ज्योति अयोध्या प्रसाद (21), जो नायगांव ईस्ट की निवासी हैं, के रूप में हुई। कविता को सिर में मामूली चोट लगी थी, जिसका भायंदर स्टेशन मास्टर ने प्राथमिक उपचार किया।

शुरुआत में, दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत या प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने से इनकार कर दिया। उनके बयान भायंदर जीआरपी चौकी के डायरी में दर्ज किए गए, और उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी गई। जीआरपी सूत्रों के अनुसार, यह झड़प ट्रेन से उतरने के लिए जगह को लेकर शुरू हुई थी। भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में सीट या जगह को लेकर छोटे-मोटे विवाद आम हैं, लेकिन इस बार मामला इतना बढ़ गया कि एक महिला को चोट लग गई। उदाहरण के लिए, एक अन्य यात्री ने बताया कि उसने पहले भी सीट को लेकर बहस देखी है, लेकिन इस तरह की हिंसक झड़प (Violent Brawl) उसने पहले कभी नहीं देखी।

इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जनता में भारी आक्रोश फैल गया। लोगों ने लोकल ट्रेनों में सुरक्षा और यात्रियों के बीच बढ़ते तनाव पर सवाल उठाए। इस सार्वजनिक हंगामे को देखते हुए, भायंदर आरपीएफ पोस्ट ने शुक्रवार को इस मामले को गंभीरता से लिया और भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 145(बी) के तहत एक मामला दर्ज किया। यह धारा रेलवे परिसर में उपद्रव करने और अशोभनीय व्यवहार करने से संबंधित है। अब इस मामले की जांच चल रही है।

मुंबई की लोकल ट्रेनें हर दिन लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाती हैं, लेकिन पीक आवर्स के दौरान भीड़ के कारण तनाव बढ़ जाता है। खासकर लेडीज स्पेशल ट्रेन, जो 1992 में शुरू हुई थी, को महिलाओं के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का साधन माना जाता है। लेकिन इस घटना ने दिखाया कि भीड़ और तनाव के कारण कभी-कभी स्थिति अनियंत्रित हो सकती है। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि ऐसी घटनाएँ अस्वीकार्य हैं और यात्रियों को शांत रहकर विवादों को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलवे कर्मचारियों की मदद लेना हिंसक झड़पों से बेहतर विकल्प है।

यह घटना भायंदर स्टेशन के पास हुई, जो मुंबई के पश्चिमी रेलवे लाइन का एक व्यस्त स्टेशन है। चर्चगेट-विरार मार्ग पर चलने वाली यह ट्रेन हर शाम हजारों महिलाओं को उनके कार्यस्थल से घर तक ले जाती है। लेकिन इस तरह की घटनाएँ यात्रियों के बीच विश्वास को कम करती हैं। उदाहरण के लिए, एक नियमित यात्री ने बताया कि वह इस ट्रेन से पिछले पाँच साल से यात्रा कर रही है, लेकिन अब वह इस तरह की घटनाओं के कारण डरने लगी है। रेलवे ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात कही है।

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