दिल्ली में वीआईपी कार नंबर का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। लोग अपने पसंदीदा वाहन नंबर के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, मार्च में 0001 नंबर की नीलामी में 23.4 लाख रुपये की बोली लगी। इतनी रकम से दो प्रीमियम हैचबैक या एक अच्छी एसयूवी खरीदी जा सकती थी, लेकिन स्टेटस सिंबल की चाहत में लोगों ने पैसे की परवाह नहीं की।
पुराने रिकॉर्ड
एक हॉस्पिटैलिटी फर्म ने जून 2017 में 0001 नंबर प्लेट के लिए 16 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो अब तक का रिकॉर्ड है। इससे पहले सितंबर 2014 में इसी नंबर के लिए 12.5 लाख रुपये की बोली लगी थी। जेम्स बॉन्ड और एम.एस. धोनी (जर्सी नंबर 7 और जन्मदिन 7 जुलाई) के कारण 0007 नंबर पर भी ऊंची बोली लगती रही है।
वीआईपी नंबरों की कीमत
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 0001 नंबर को मार्च में सबसे ऊंची बोली मिली। जून में 0009 नंबर 11 लाख रुपये में बिककर दूसरे स्थान पर रहा, जबकि 0007 ने जनवरी की नीलामी में 10.8 लाख रुपये की कमाई की।
वीआईपी नंबर का मतलब और फायदा
परिवहन विभाग हर सीरीज में 0001 से 9999 के बीच कई नंबरों को वीआईपी नंबर के रूप में पहचानता है। इन नंबरों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है और इनकी कीमत भी अलग-अलग होती है। हालांकि, वीआईपी नंबर से वाहन पर कोई खास फायदा या छूट नहीं मिलती। यह केवल एक स्टेटस सिंबल होता है और इसके लिए लोग लाखों रुपये खर्च करने को तैयार रहते हैं।
दिल्ली में वीआईपी नंबर का दीवानापन बढ़ता ही जा रहा है। लोग अपने वाहन के लिए खास नंबर पाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, जो उनकी प्रतिष्ठा और स्टेटस सिंबल को दर्शाता है।
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