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पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात: क्या कुछ बदलने की उम्मीद? यहां जानिए

पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात

पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात: रूस इस समय दुनियाभर के निशाने पर है, खासकर यूक्रेन पर हमले के कारण। लेकिन भारत इस मामले में तटस्थ रहा है। न ही भारत ने रूस की निंदा की है और न ही उसका समर्थन किया है।

मुलाकात की खास बातें

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार रात को पीएम मोदी का अपने सरकारी आवास पर स्वागत किया। पुतिन ने मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी और उनकी प्रशंसा की। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध दिखते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वह पुतिन के साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए प्रयास करेंगे।

भारत की नीति

पीएम मोदी हमेशा पड़ोसी देशों पर ध्यान देते हैं, लेकिन इस बार उनकी रूस यात्रा खास है। यह यात्रा रूस के साथ भारत के अच्छे संबंधों को और मजबूत करेगी। मोदी मॉस्को के बाद ऑस्ट्रिया भी जाएंगे, जिसने यूक्रेन के समर्थन में कदम उठाए हैं।

युद्ध पर भारत की स्थिति

भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की न तो निंदा की है और न ही समर्थन किया है। भारत का कहना है कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है। भारत-रूस के संबंध पुराने हैं और भारत हथियारों के लिए रूस पर निर्भर रहा है। युद्ध के बाद भी भारत ने रूस से तेल खरीदा है, जिससे रूस को आर्थिक मदद मिली है। इस कारण भारत रूस की आलोचना से बचता है, जबकि पश्चिमी देश भारत पर दबाव डालते हैं।

रूस-चीन की नजदीकी

भारत को चिंता है कि चीन और रूस करीब आ रहे हैं। चीन और भारत के बीच तनाव है और दोनों देश एक-दूसरे पर बढ़त बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत नहीं चाहता कि रूस चीन के ज्यादा करीब हो। इसी कारण भारत रूस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहता है।

हथियार और ऊर्जा की जरूरत

भारत रूस से हथियार और ऊर्जा की निरंतर आपूर्ति चाहता है। भारत नहीं चाहता कि वह मध्य पूर्व के अस्थिर बाजार या वेनेजुएला पर निर्भर हो। इसलिए, मोदी और पुतिन की मुलाकात में इस बात पर जोर दिया गया कि दोनों देश कैसे एक-दूसरे की जरूरतें पूरी कर सकते हैं।

आर्थिक सहयोग

साल 2014 में मोदी और पुतिन ने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर के व्यापार और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा था। अब यह व्यापार 66 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इस मुलाकात का लक्ष्य व्यापार को और संतुलित करना और कृषि, फार्मास्युटिकल, इंजीनियरिंग, रासायनिक उत्पाद और ऊर्जा के क्षेत्र में निर्यात बढ़ाना है।

भारतीयों की वापसी

मुलाकात के बाद, रूस में काम कर रहे भारतीयों की स्वदेश वापसी का रास्ता साफ हो गया है। पीएम मोदी ने यह मुद्दा पुतिन के सामने उठाया और पुतिन ने इसे मान लिया।

पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात कई मायनों में अहम है। यह मुलाकात भारत और रूस के संबंधों को और मजबूत करेगी और दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग को बढ़ाएगी।

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