जब भी बुखार या सर्दी-जुकाम होता है, तो एक आम सवाल ये उठता है कि क्या ऐसी स्थिति में नहाना ठीक है? कई लोग मानते हैं कि बुखार के दौरान स्नान से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, लेकिन गुनगुने पानी से नहाना (Warm water bathing) और बुखार में स्नान का असर (Effect of bathing during fever) पर की गई शोध एक अलग ही कहानी बताती है। ये लेख आपको बताएगा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नहाने का सही तरीका क्या है और कैसे ये शरीर को राहत देता है।
गुनगुने पानी से नहाने का महत्व
बुखार में गुनगुने पानी से नहाना शरीर के बढ़े हुए तापमान को कम करने में सहायक होता है। ठंडे पानी से नहाने से बचना चाहिए क्योंकि ये ठिठुरन बढ़ा सकता है और तापमान को असामान्य रूप से गिरा सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि गुनगुने पानी से स्नान करने से रक्त संचार बेहतर होता है, जो शरीर को आराम देता है और थकान कम करता है।
हाइड्रोथेरेपी के लाभ
हाइड्रोथेरेपी, जो पानी के माध्यम से उपचार की एक तकनीक है, ने ये साबित किया है कि हल्के गर्म पानी से स्नान करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है। रिसर्च में ये भी सामने आया है कि बुखार में स्नान का असर (Effect of bathing during fever) शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
इंडियन जर्नल ऑफ कांटिन्यूइंग नर्सिंग एजुकेशन में प्रकाशित एक अध्ययन ने गर्म पानी से पैर धोने की थेरेपी को एक प्रभावी उपाय बताया है, जिससे बुखार का लक्षण कम होता है। ये तरीका सुरक्षित और बिना दुष्प्रभाव के है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
गुनगुने पानी से नहाने से तनाव और चिंता कम होती है। ये दिमाग में “फील-गुड” हार्मोन को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति तरोताजा महसूस करता है। ये बीमारी के समय मानसिक शांति लाने का एक बेहतरीन तरीका है।
हालांकि, बहुत गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए क्योंकि ये लक्षणों को और बढ़ा सकता है। कमजोर स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
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