बुधवार रात, उत्तरी दिल्ली के बवाना इलाके में मुनक नहर टूट गई, जिससे इलाके के घरों में पानी भर गया और दिल्ली में पानी की कमी हो गई। मुनक नहर दिल्ली के लिए पीने के पानी की मुख्य स्रोत है, इसलिए इसके टूटने से जल संकट पैदा हो गया है।
पानी की आपूर्ति पर असर
मुनक नहर से दिल्ली के चार प्रमुख वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों को पानी मिलता है: हैदरपुर, द्वारका, नांगलोई और बवाना। नहर टूटने के कारण इन प्लांटों में पानी का उत्पादन रुक गया। दिल्ली जल बोर्ड ने दोपहर बाद दूसरी नहर (डीएसबी) से पानी को डायवर्ट किया, जिससे कुछ हद तक पानी की आपूर्ति बहाल हुई, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था।
प्रभावित इलाके
नहर टूटने से द्वारका वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट सबसे अधिक प्रभावित हुआ, क्योंकि वहां डीएसबी से पानी डायवर्ट करने की व्यवस्था नहीं थी। द्वारका में पानी की कमी के कारण करीब 10 लाख लोग प्रभावित हुए।
बवाना की स्थिति
बवाना जेजे कॉलोनी में नहर टूटने से पानी भर गया। पानी इतना बढ़ गया कि लोगों के घरों में कमर तक पहुंच गया। आधी रात को लोग अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो गए। पानी भरने से बिजली के उपकरण जैसे फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कूलर और टीवी खराब हो गए।
स्थानीय लोगों की परेशानी
रात के समय लोग एक दूसरे के दरवाजे खटखटाकर पानी भरने की जानकारी दे रहे थे। इलाके में रहने वाली यास्मीन बानो ने बताया कि उनकी दुकान में रखा सारा सामान खराब हो गया। बिजली विभाग ने करंट की संभावना को देखते हुए बिजली काट दी। बच्चों के लिए दूध और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था नहीं हो पाई।
प्रशासन की लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि नहर में पहले से लीकेज थी, जिसकी जानकारी संबंधित विभाग को दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। कुछ लोगों का मानना है कि नहर टूटने के पीछे किसी शरारती तत्व का हाथ हो सकता है, जो जांच का विषय है।
समाधान के प्रयास
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने नहर के टूटे हिस्से का निरीक्षण किया और बताया कि जल बोर्ड और हरियाणा सिंचाई विभाग के इंजीनियर तेजी से मरम्मत का काम कर रहे हैं। शुक्रवार शाम तक नहर की मरम्मत हो जाएगी और द्वारका प्लांट में पानी का उत्पादन फिर से शुरू हो जाएगा।
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