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दुश्मन देशों पर बम बरसाने वाले प्लेन क्यों होते हैं खास, जानें क्यों कहलाते हैं बॉम्बर

बॉम्बर
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आज की आधुनिक दुनिया में “बॉम्बर विमान” (Bomber Aircraft) का महत्व तेजी से बढ़ा है। युद्ध के मैदान में ये विमान न केवल दुश्मन के इलाकों में बम गिराने के लिए जाने जाते हैं, बल्कि जमीनी लड़ाई में सेना को महत्वपूर्ण बढ़त भी दिलाते हैं। आइए, जानते हैं इनके पीछे छिपे कारण और इनकी खासियतें।

बॉम्बर विमानों की अहमियत
जब भी किसी देश के “एयर पावर” (Air Power) की बात होती है, तो बॉम्बर विमानों का जिक्र सबसे पहले आता है। ये विमान दुश्मन के ठिकानों पर सटीकता से बम गिराकर उन्हें ध्वस्त करने में सक्षम हैं। इनका दबदबा इसलिए भी है क्योंकि ये रणनीतिक और सामरिक दोनों स्तर पर प्रभावी साबित होते हैं। इन विमानों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये बड़े पैमाने पर बम और मिसाइल ले जाने की क्षमता रखते हैं। यही वजह है कि दुनिया की बड़ी ताकतें इन्हें अपनी सेना का अहम हिस्सा मानती हैं। बॉम्बर विमानों को मुख्यतः दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है, जैसे – स्ट्रेटजिक और टैक्टिकल

1. स्ट्रेटजिक बॉम्बर (Strategic Bomber)
ये विमान लंबी दूरी तक बम गिराने में सक्षम होते हैं। दुश्मन के इलाकों में चुपचाप घुसकर बिना किसी चेतावनी के हमला करना इनकी खासियत है। इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विनाशकारी कार्यों के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर जो हमले किए थे, वे बी-29 बॉम्बर विमानों की मदद से किए गए थे।

2. टैक्टिकल बॉम्बर (Tactical Bomber)
इनका उपयोग जमीनी लड़ाई में सेना को बढ़त दिलाने के लिए किया जाता है। ये विमान अपेक्षाकृत कम दूरी पर दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाते हैं। इनकी भूमिका सेना की प्रत्यक्ष मदद करना और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करना होता है।

अमेरिका के आधुनिक बॉम्बर विमान
दुनिया में अमेरिका को बॉम्बर विमानों की शक्ति के मामले में सबसे मजबूत माना जाता है। अमेरिकी एयरफोर्स के पास बी-2 स्पिरिट और बी-21 रेडर जैसे अत्याधुनिक बॉम्बर विमान हैं।
बी-21 रेडर (B-21 Raider) छठी पीढ़ी का स्टेल्थ बॉम्बर है, जो किसी भी रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के इलाके में हमला कर सकता है। ये विमान परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी उड़ान गति लगभग 2000 किलोमीटर/घंटा है, जो इसे और भी खास बनाती है।

भारत की स्थिति
भारत की एयरफोर्स का मुकाबला दुनिया के किसी भी देश से किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना के पास उन्नत श्रेणी के लड़ाकू विमान हैं, लेकिन भारत के पास अब तक कोई “बॉम्बर विमान” (Bomber Aircraft) नहीं है। हाल ही में ये खबर आई थी कि रूस ने भारत को अपने Tu-160 बॉम्बर विमान की पेशकश की है। ये विमान बड़े बम और मिसाइलें, जैसे हाइपरसोनिक व सुपरसोनिक मिसाइलें, दागने में सक्षम है। अगर भारत इसे अपने बेड़े में शामिल करता है, तो ये देश की ताकत को कई गुना बढ़ा देगा।

बॉम्बर विमान क्यों हैं खास?
इन विमानों की अनोखी क्षमताएं ही इन्हें खास बनाती हैं। ये बड़े पैमाने पर विस्फोटक ले जा सकते हैं और दुश्मन की रणनीति को तहस-नहस कर सकते हैं। इनकी तकनीकी दक्षता और मारक क्षमता युद्ध के परिणामों को पूरी तरह बदलने में सक्षम हैं।

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