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भारतीयों ने मालदीव को क्यों किया था बॉयकॉट, और अब रिश्ते क्यों सुधर रहे हैं?

भारतीयों ने मालदीव को क्यों किया था बॉयकॉट, और अब रिश्ते क्यों सुधर रहे हैं?

भारत और मालदीव के रिश्ते पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे। दरअसल, मालदीव के कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर विवादित बयान दिए थे। उन्होंने लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से की और भारत के खिलाफ बोलने लगे। ये बातें भारतीयों को बिल्कुल पसंद नहीं आईं। लोगों ने मालदीव का विरोध करना शुरू कर दिया और उसे बॉयकॉट करने लगे। लेकिन अब लगता है कि दोनों देश अपने रिश्ते सुधारना चाहते हैं।

असल में, हाल ही में मालदीव में नई सरकार बनी है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी को जनता ने चुना है। मुइज्जू पहले भारत विरोधी रुख अपनाते थे और चीन के करीब जा रहे थे। उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए थे जो भारत के हित में नहीं थे। चीन को ये पसंद आया क्योंकि वो हिंद महासागर में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। इसके लिए उसने पहले श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाया और अब मालदीव पर नजर गड़ाई है।

ऐसे में भारत सरकार ने सोचा कि अगर मालदीव चीन के हाथों चला गया तो ये हमारे लिए अच्छा नहीं होगा। इसलिए अब कोशिश है कि मालदीव से रिश्ते और मजबूत किए जाएं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ईद के मौके पर मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को बधाई दी। भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। साथ ही पीएम मोदी ने इस त्योहार के पीछे छिपे संदेशों को भी रेखांकित किया।

ये कदम दोस्ती का हाथ बढ़ाने जैसा है। इससे पहले भी मुइज्जू को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था। मुइज्जू दूसरे देशों के नेताओं के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। ये सब इशारे हैं कि भारत मालदीव के साथ अपने रिश्ते सुधारना चाहता है। इसकी एक बड़ी वजह चीन का बढ़ता दबदबा भी है।

दरअसल, चीन लगातार हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ा रहा है। हाल ही में मालदीव तट पर चीन का एक जासूसी जहाज भी देखा गया था। ऐसे में अगर मालदीव भी चीन के प्रभाव में आ गया तो भारत के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम मालदीव जैसे पड़ोसी मुल्क को अपने पाले में रखें।

लेकिन सिर्फ भारत ही नहीं, मालदीव भी अब भारत के साथ अपने रिश्ते बेहतर करना चाहता है। जनता भी एक मित्र देश के रूप में भारत को देखती है। ऐसे में दोनों देशों को चाहिए कि वो एक-दूसरे का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें। रिश्तों की डोर को मजबूत बनाएं और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम करने की दिशा में काम करें। आने वाले दिनों में भारत-मालदीव के बीच और भी कई मुलाकातें हो सकती हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि दोनों देश मिलकर अपनी दोस्ती को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

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