महाराष्ट्रमुंबई

Worli seat contest: वर्ली सीट पर देवड़ा-ठाकरे आमने-सामने, कौन जीतेगा दिलचस्प जंग?

Worli seat contest: वर्ली सीट पर देवड़ा-ठाकरे आमने-सामने, कौन जीतेगा दिलचस्प जंग?
Worli seat contest: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प होता जा रहा है। वर्ली सीट पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) को मैदान में उतारा है, जो शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वर्तमान विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। यह मुकाबला इसलिए भी खास है क्योंकि इस सीट पर महा विकास अघाड़ी और भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों के बीच एक तीव्र संघर्ष देखने को मिलेगा।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का बदलता समीकरण: वर्ली सीट पर प्रमुख संघर्ष

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शिवसेना के विभाजन के बाद हर सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है, लेकिन वर्ली सीट पर खास ध्यान दिया जा रहा है। यहां मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) को उम्मीदवार बनाकर शिवसेना के शिंदे गुट ने बड़ी चाल चली है। आदित्य ठाकरे, जो शिवसेना के उद्धव गुट के प्रमुख चेहरे हैं, इसी सीट से विधायक हैं और यह सीट उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा से जुड़ी है। वर्ली सीट पर यह चुनाव वर्ली सीट मुकाबला (Worli seat contest) बन चुका है, जहाँ तीनों प्रमुख दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं।

मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) की एंट्री से यह स्पष्ट हो गया है कि शिंदे गुट इस चुनाव को लेकर कितनी रणनीतिक तैयारियों में जुटा है। देवड़ा के राजनीतिक अनुभव और मुंबई में उनकी गहरी पैठ के कारण उन्हें आदित्य ठाकरे के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए शक्ति समीकरण की झलक मिलती है।

शिवसेना के विभाजन का असर: चुनावी जंग में सियासी मोड़

शिवसेना का 2022 में विभाजन होना महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐतिहासिक घटना थी। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कई विधायक शिवसेना से अलग हो गए और एक नए गुट की स्थापना की। इसी क्रम में शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अब तक दो सूचियां जारी की हैं, जिसमें मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) जैसे कद्दावर नेताओं को वर्ली जैसे प्रतिष्ठित सीट पर चुनावी मैदान में उतारा है। यह निर्णय शिंदे गुट के मजबूत इरादों को दर्शाता है, जिनका उद्देश्य शिवसेना के मूल मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करना है।

शिंदे गुट ने 65 उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें देवड़ा के अलावा महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से कई नामी नेता शामिल हैं। शिवसेना का उद्धव गुट भी इस चुनौती को समझते हुए अपनी राजनीतिक योजना को और मजबूत बनाने में जुटा है। वर्ली सीट पर वर्ली सीट मुकाबला (Worli seat contest) में आदित्य ठाकरे के साथ-साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संदीप देशपांडे भी शामिल होंगे, जो चुनावी समीकरण को और भी पेचीदा बना रहा है।

वर्ली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला: कौन जीतेगा यह प्रतिष्ठित सीट?

वर्ली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन चुकी है, जिसमें तीन प्रमुख उम्मीदवार अपनी-अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। एक ओर मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) हैं जो शिंदे गुट की ओर से चुनावी मैदान में उतरे हैं, वहीं दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव गुट) से आदित्य ठाकरे अपनी जीत को दोहराने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने संदीप देशपांडे को मैदान में उतार कर इस मुकाबले को और भी रोचक बना दिया है।

महाराष्ट्र के इस चुनावी संघर्ष में वर्ली सीट का यह मुकाबला एक विशेष स्थान रखता है। यह न केवल स्थानीय मतदाताओं के लिए बल्कि पूरे राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) और आदित्य ठाकरे के बीच यह शक्ति प्रदर्शन यह दर्शाता है कि आगामी चुनावों में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच टकराव का प्रभाव कितना गहरा हो सकता है।

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