Z category security: भारत में राजनीति और उच्च पदों पर आसीन वीआईपी (VIP) लोगों की सुरक्षा एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। चाहे वो मंत्री हों, नेता हों या अन्य विशिष्ट व्यक्ति, उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा कई सुरक्षा श्रेणियों का प्रावधान किया गया है। इनमें ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक सुरक्षा प्रणालियों में से एक मानी जाती है।
कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान हाल ही में जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त करने वाले वीआईपी हैं। इस लेख में, हम जेड श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था और उसके तहत मिलने वाली सुरक्षा सुविधाओं की पूरी जानकारी देंगे।
Z category security: क्या है और कितने जवान होते हैं तैनात?
जेड श्रेणी की सुरक्षा में 22 से 24 जवान तैनात किए जाते हैं, जिनमें शार्पशूटर्स और प्रशिक्षित कमांडो भी शामिल होते हैं। इन जवानों की जिम्मेदारी होती है कि वे वीआईपी व्यक्ति को किसी भी तरह के हमले या खतरों से सुरक्षित रखें। इस सुरक्षा दल में अत्याधुनिक हथियारों और संचार प्रणालियों से लैस कमांडो शामिल होते हैं, जो चौबीसों घंटे सतर्क रहते हैं। जेड श्रेणी (Z category) की सुरक्षा का मुख्य उद्देश्य वीआईपी की व्यक्तिगत और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें बिना किसी चिंता के अपने कामों को पूरा करने में मदद मिल सके।
कैसे मिलता है जेड श्रेणी का सुरक्षा कवर?
जेड श्रेणी की सुरक्षा का निर्धारण गृह मंत्रालय करता है। इसकी प्रक्रिया में वीआईपी के ऊपर संभावित खतरों का मूल्यांकन किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी वीआईपी के खिलाफ खतरनाक गतिविधियों की आशंका होती है, तो उनकी सुरक्षा को बढ़ाया जाता है। जेड श्रेणी (Z category) की सुरक्षा में वीआईपी के घर, ऑफिस, और यात्रा के दौरान उन्हें सुरक्षा घेरे में रखा जाता है।
चिराग पासवान और थावर चंद गहलोत की सुरक्षा
हाल ही में केंद्र सरकार ने कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी है। दोनों ही नेताओं के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों की एक टीम तैनात की गई है, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। चिराग पासवान की सुरक्षा पहले से ही अर्धसैनिक बलों द्वारा की जा रही थी, लेकिन अब उन्हें जेड श्रेणी के अंतर्गत उन्नत सुरक्षा दी गई है।
CRPF की सुरक्षा टीम में प्रशिक्षित कमांडो शामिल होते हैं, जो वीआईपी के व्यक्तिगत सुरक्षा से लेकर उनकी सार्वजनिक उपस्थिति तक हर चीज़ को कवर करते हैं। इस टीम में 22 से 24 जवान होते हैं, जो हमेशा तत्पर रहते हैं।
वीआईपी सुरक्षा के अन्य प्रकार
भारत में वीआईपी सुरक्षा को कई श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें Z Plus, Z, Y Plus और X श्रेणी की सुरक्षा प्रमुख हैं। इनमें से जेड श्रेणी (Z category) की सुरक्षा को वीआईपी के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के रूप में माना जाता है। यह उन वीआईपी के लिए है जिन पर विशेष प्रकार के हमलों या खतरों की आशंका होती है।
भारत में वीआईपी सुरक्षा एक संवेदनशील मुद्दा है, और जेड श्रेणी की सुरक्षा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जेड श्रेणी (Z category security) की सुरक्षा के तहत वीआईपी को पूरी तरह से संरक्षित रखा जाता है, ताकि वे बिना किसी चिंता के अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर सकें। चाहे वो मंत्री हों, नेता हों या अन्य विशिष्ट व्यक्ति, उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है।
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