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क्यों चीन की नींद उड़ा रहा है भारत का जोरावर माउंटेन टैंक?

क्यों चीन की नींद उड़ा रहा है भारत का जोरावर माउंटेन टैंक?
भारत का पहला माउंटेन टैंक जो बदल देगा युद्ध का समीकरण: भारत की सैन्य ताकत में एक नया अध्याय जुड़ गया है। डीआरडीओ ने देश का पहला माउंटेन टैंक तैयार किया है, जिसका नाम है ‘जोरावर माउंटेन टैंक’ (Zorawar Mountain Tank)। इस टैंक को खास तौर पर पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है। आइए जानते हैं इस शक्तिशाली टैंक के बारे में सब कुछ।

जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) की खूबियां

इस टैंक का वजन सिर्फ 25 टन है, जो इसे हवाई मार्ग से कहीं भी पहुंचाने में मदद करता है। इसमें 750 हॉर्स पावर का ताकतवर इंजन लगा है, जो इसे पहाड़ी इलाकों में भी तेजी से चलने की क्षमता देता है। जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) में 105 मिमी या उससे बड़ी तोप लगी है, जिससे एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल दागी जा सकती है।

यह टैंक जमीन पर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है और पानी में भी आसानी से आगे बढ़ सकता है। इसका मजबूत कवच इसे दुश्मन के हमलों से बचाता है। इन सब खूबियों के कारण जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) पहाड़ी युद्ध में गेम चेंजर साबित हो सकता है।

चीन के लिए चिंता का सबब

चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) का आना बड़ी खबर है। यह टैंक पहाड़ी इलाकों में तैनाती के लिए परफेक्ट है, जो चीन के लिए चिंता का विषय बन सकता है। भारतीय सेना 350 जोरावर टैंकों को तैनात करने की योजना बना रही है, जिनमें से ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में होंगे।

जोरावर का नाम और इतिहास

‘जोरावर’ नाम पंजाबी भाषा के शब्द ‘साहसी’ से लिया गया है। यह नाम जनरल जोरावर सिंह कहलुरिया के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने जम्मू के डोगरा राजवंश के राजा गुलाब सिंह के अधीन काम किया था। उन्होंने लद्दाख को जीतकर डोगरा क्षेत्र का विस्तार करने में मदद की थी।

जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) का विकास और परीक्षण

डीआरडीओ ने लार्सन एंड टर्बो के साथ मिलकर इस टैंक को तीन साल के रिकॉर्ड समय में तैयार किया है। हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर में इस टैंक का सफल परीक्षण किया गया। टैंक ने रेगिस्तानी इलाकों में अपने सभी लक्ष्यों को पूरा किया और तय टारगेट पर सटीक निशाना लगाया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण को भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भविष्य की योजनाएं

अगले तीन सालों में जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) भारतीय सेना में शामिल हो जाएगा। इससे न सिर्फ भारत की सीमा सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि देश की रक्षा क्षमता में भी बड़ा इजाफा होगा। यह टैंक भारत को पहाड़ी युद्ध में एक बड़ा फायदा देगा और दुश्मनों के लिए एक कड़ी चुनौती पेश करेगा।

इस तरह, जोरावर माउंटेन टैंक (Zorawar Mountain Tank) भारत की सैन्य ताकत का एक नया प्रतीक बन गया है। यह न सिर्फ देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के रक्षा उद्योग के विकास में भी एक मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले समय में यह टैंक भारत की सैन्य रणनीति का एक अहम हिस्सा बनने जा रहा है।

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