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किसानों को झटका, कृषि निर्यात में गिरावट, क्या नई नीति बनेगी रामबाण?

किसानों को झटका, कृषि निर्यात में गिरावट, क्या नई नीति बनेगी रामबाण?

भारत के कृषि निर्यात में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले गिरावट आई है। क्या सरकार को कृषि निर्यात-आयात नीति में बदलाव करने की जरूरत है?

सरकार द्वारा गेहूं, चावल, चीनी और प्याज जैसी कई जिंसों के निर्यात पर रोक लगाने से कृषि निर्यात में गिरावट आई है। 2023-24 में कृषि निर्यात 8.2% गिरकर $48.82 बिलियन रह गया, जो 2022-23 में $53.15 बिलियन के रिकॉर्ड स्तर से कम है।

निर्यात में गिरावट के कारण:

  • चीनी: सरकार ने चालू उत्पादन वर्ष में चीनी के निर्यात की अनुमति नहीं दी, जिससे चीनी निर्यात में भारी गिरावट आई।
  • गैर-बासमती चावल: घरेलू उपलब्धता और मुद्रास्फीति की चिंताओं के कारण जुलाई 2023 से सभी सफेद गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • गेहूं और प्याज: घरेलू कमी और बढ़ती कीमतों के कारण गेहूं और प्याज के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

आयात में रुझान:

खाद्य तेल: खाद्य तेलों के आयात में कमी आई है, लेकिन दालों का आयात लगभग दोगुना हो गया है।

कृषि निर्यात में गिरावट से किसानों की आय पर असर पड़ रहा है। सरकार को कृषि निर्यात-आयात नीति में बदलाव करके किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों को ध्यान में रखना होगा।

कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को पूर्ण प्रतिबंध के बजाय अस्थायी शुल्क या मात्रात्मक प्रतिबंध लगाने जैसी अधिक अनुमानित और नियम-आधारित नीति अपनानी चाहिए।

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