ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के लिए खुशखबरी! सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए फर्जी रिव्यू पर सख्त नियम बनाने का फैसला किया है। ऐसे में अब प्रोडक्ट की क्वालिटी के बारे में सही जानकारी मिलेगी।
क्या आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त रिव्यू पढ़कर कंफ्यूज हो जाते हैं? तो बता दें कि कई बार ये रिव्यू फर्जी होते हैं और आपको गलत प्रोडक्ट खरीदने के लिए उकसाते हैं। ऐसे में अब सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए नियम बनाने जा रही है।
क्या हैं नए नियमों का मकसद?
नए नियमों का मकसद ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर फर्जी रिव्यू को रोकना है। सरकार चाहती है कि ग्राहकों को प्रोडक्ट की सही जानकारी मिले, ताकि वे सही फैसला ले सकें।
कैसे काम करेंगे नए नियम?
नए नियमों के तहत, ई-कॉमर्स कंपनियां पेड रिव्यू नहीं दिखा सकेंगी। अगर कोई रिव्यू प्रमोशनल है, तो इसकी जानकारी देनी होगी। साथ ही, कंपनियों को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर सिर्फ असली ग्राहक ही रिव्यू दे सकें।
फर्जी रिव्यू से क्या नुकसान होता है?
फर्जी रिव्यू के कारण ग्राहक गलत प्रोडक्ट खरीद लेते हैं। इससे उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद होता है। साथ ही, अच्छी क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स को भी नुकसान होता है, क्योंकि उनकी बिक्री कम हो जाती है।
सरकार के इस फैसले से ई-कॉमर्स कंपनियों को झटका लग सकता है, लेकिन ये ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। इससे ऑनलाइन शॉपिंग का अनुभव और भी बेहतर होगा।
सरकार ने इस मामले पर ई-कॉमर्स कंपनियों और उपभोक्ता संगठनों के साथ 15 मई को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में नए नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा की जाएगी।
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