मुंबई: टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) ने एक विवादास्पद नोटिस को वापस ले लिया है और 100 से अधिक कर्मचारियों को अपने काम पर लौटने के लिए कहा है। यह नोटिस 28 जून को जारी किया गया था, जिसमें 55 शिक्षण और 60 नॉन-टीचिंग स्टाफ के अनुबंधों का नवीनीकरण न करने की बात कही गई थी।
परिपत्र का विवरण: टीआईएसएस ने बताया कि सभी 55 शिक्षण और 60 गैर-शिक्षण कर्मचारी ‘टाटा एजुकेशन ट्रस्ट (टीईटी)’ द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों के तहत नियुक्त किए गए थे। उनकी नियुक्ति एक निश्चित अवधि के अनुबंध पर की गई थी, जो 30 जून को समाप्त होने वाला था।
बातचीत और समाधान: टीईटी के साथ बातचीत के बाद, टीआईएसएस को आश्वासन मिला कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। टीईटी ने अपने कार्यक्रमों के तहत नियुक्त कर्मचारियों के वेतन के लिए धनराशि जारी करने की प्रतिबद्धता भी जताई है।
28 जून का नोटिस वापस: परिपत्र में कहा गया है कि 28 जून 2024 को भेजा गया पत्र वापस लिया जाता है और कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे अपना काम जारी रखें। टीईटी से सहायता अनुदान प्राप्त होते ही उनका वेतन जारी कर दिया जाएगा।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया: एक शिक्षक ने बताया कि उन्हें 28 जून को अनुबंधों के नवीनीकरण न किए जाने की जानकारी दी गई थी। उन्होंने टीआईएसएस प्रशासन से अनुरोध किया था कि जब तक टाटा ट्रस्ट से कोई जवाब नहीं आ जाता, तब तक पत्र जारी न किया जाए। हालांकि, उनकी अपील को कोई समर्थन नहीं मिला।
प्रशासन का कुप्रबंधन: कुछ शिक्षकों ने दावा किया कि उन्होंने पिछले महीने प्रशासन से वित्त पोषण की स्थिति के बारे में पूछा था और उन्हें बताया गया था कि चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन अचानक नोटिस जारी कर दिए गए कि धन की कमी के कारण अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। यह प्रशासन की तरफ से कुप्रबंधन है, जो पैदा होने वाले हालात का पूर्वानुमान नहीं लगा सका।
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