पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने मिश्रित प्रदर्शन किया। स्वर्ण पदक न मिलने का मलाल रहा, लेकिन छह पदकों ने राहत दी। नीरज चोपड़ा का रजत और मनु भाकर के दो पदकों ने खुशी दी। हॉकी टीम ने इतिहास रचा, जबकि कई स्टार खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। विनेश फोगाट का विवाद अभी जारी है।
पेरिस ओलंपिक 2024 भारत के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। 26 जुलाई से 11 अगस्त तक चले इस महाकुंभ में भारत ने कुल छह पदक जीते। हालांकि, स्वर्ण पदक की कमी खली, लेकिन एक रजत और पांच कांस्य पदकों ने थोड़ी राहत दी। यह प्रदर्शन 2021 के टोक्यो ओलंपिक के बाद दूसरा सबसे अच्छा रहा, जहां भारत ने सात पदक जीते थे।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का सफर युवा पहलवान रीतिका हूडा के 76 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में हार के साथ 10 अगस्त को समाप्त हुआ। इस हार ने भारत की आखिरी स्वर्ण पदक की उम्मीद पर पानी फेर दिया। भारत ने इस ओलंपिक में 70वां स्थान हासिल किया, जो अभी और नीचे जा सकता है।
भारत के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी 22 साल की शूटर मनु भाकर ने दी। उन्होंने दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वहीं, टोक्यो ओलंपिक के हीरो नीरज चोपड़ा इस बार सिर्फ रजत पदक ही जीत पाए। उन्होंने पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता में यह पदक हासिल किया।
कई खिलाड़ियों से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वे पूरी नहीं हो पाईं। बैडमिंटन में सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी, बॉक्सिंग में निकहत जरीन और लवलीना बोरगोहेन, वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू, और शूटिंग में सिफ्ट कौर शर्मा से पदक की आस थी। लेकिन ये खिलाड़ी अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए।
फिर भी, कुछ अच्छी खबरें भी रहीं। भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीता। यह 1972 के बाद पहली बार हुआ है। युवा पहलवान अमन सेहरावत ने 19 साल की उम्र में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वे व्यक्तिगत खेल में सबसे कम उम्र में ओलंपिक पदक जीतने वाले भारतीय बन गए।
पेरिस ओलंपिक 2024 में एक विवाद भी रहा। मशहूर पहलवान विनेश फोगाट का मामला अभी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में लंबित है। विनेश को महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी के फाइनल में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस फैसले पर 13 अगस्त तक फैसला आने की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, पेरिस ओलंपिक 2024 भारत के लिए मिले-जुले अनुभवों वाला रहा। स्वर्ण पदक नहीं मिला, लेकिन छह पदक जीतकर भारत ने अपनी क्षमता दिखाई। आने वाले समय में इन अनुभवों से सीख लेकर भारत बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। पेरिस ओलंपिक 2024 ने दिखाया कि भारतीय खेल में अभी और सुधार की गुंजाइश है।
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