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वायरल संक्रमण से लड़ने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की नई मंकीपॉक्स वैक्सीन, अगले साल तक तैयार हो सकती है

वायरल संक्रमण से लड़ने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की नई मंकीपॉक्स वैक्सीन, अगले साल तक तैयार हो सकती है
मंकीपॉक्स वैक्सीन: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर दिया है, जो अगले एक साल में तैयार हो सकती है। सरकार ने भी इस वायरस को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं

सीरम इंस्टीट्यूट का बड़ा कदम: मंकीपॉक्स वैक्सीन पर काम जारी

मंकीपॉक्स का बढ़ता खतरा

मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो हाल ही में दुनियाभर में चिंता का कारण बना हुआ है। इस बीमारी के मामले भारत में भी दर्ज किए गए हैं, जिससे सरकार और स्वास्थ्य संगठनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बताते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। भारत में 2022 से लेकर अब तक लगभग 30 मामलों का पता चला है, जिनमें से सबसे ताजा मामला मार्च 2024 में सामने आया था।

सीरम इंस्टीट्यूट की पहल

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जिसने कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी, अब मंकीपॉक्स के खिलाफ वैक्सीन बनाने पर काम कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि यह वैक्सीन अगले एक साल में तैयार हो सकती है। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाना बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि यह वायरस लाखों लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है।

सरकार की तैयारियाँ

मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कई कदम उठाए हैं। सरकार ने विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर जांच बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि विदेश से आने वाले लोगों की जांच की जा सके। साथ ही, मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली के तीन अस्पतालों – राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज – को नोडल केंद्र घोषित किया गया है। सरकार और सीरम इंस्टीट्यूट मिलकर इस वायरस को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

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