Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) के लिए नामांकन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है, पर 15 सीटों पर सस्पेंस बरकरार (Suspense Continues) है। राजनीतिक रूप से सजीव महाराष्ट्र की राजनीति में यह एक असामान्य स्थिति है, जहां प्रमुख गठबंधन महायुति और महा विकास अघाड़ी (MVA) ने इन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। चुनावी माहौल में इस रहस्यमयी निर्णय से राजनीतिक हलकों में अटकलों का दौर जारी है।
Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र चुनाव में 15 सीटों पर सस्पेंस क्यों बरकरार?
महायुति गठबंधन, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), एकनाथ शिंदे की शिवसेना (Shiv Sena) और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं, ने अपने अधिकतर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, पर चार सीटों पर अभी भी सस्पेंस बरकरार (Suspense Continues) रखा है। वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट, और शरद पवार की राकांपा शामिल हैं, ने 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। ऐसा माना जा रहा है कि दोनों गठबंधनों में आंतरिक खींचतान और रणनीतिक चालों के चलते यह स्थिति बनी हुई है।
महायुति और एमवीए में चल रही है कड़ी राजनीति
विपक्षी खेमे में चुनावी दांव-पेच और राजनीति (Political Strategy in Elections) का असर देखने को मिल रहा है। महायुति गठबंधन ने कुछ सीटें छोटे सहयोगी दलों को दी हैं, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इन सीटों पर किस पार्टी का प्रभुत्व रहेगा। दूसरी ओर, महा विकास अघाड़ी (MVA) में कांग्रेस ने अधिकतम 103 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी 87-87 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
शरद पवार के बयान ने सस्पेंस को और बढ़ा दिया, जब उन्होंने कहा कि एनसीपी के उम्मीदवारों की संख्या 87 ही रहेगी। इससे यह साफ होता है कि विपक्षी खेमे में अंतिम समय तक सस्पेंस बरकरार (Suspense Continues) रह सकता है, जहां समाजवादी पार्टी और छोटे सहयोगी दलों की भूमिका अहम हो सकती है।
बगावत, निर्दलीय उम्मीदवार और सहयोगियों के दांव
नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी और शिवसेना में बगावत देखने को मिली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपाल शेट्टी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बोरिवली से नामांकन भरा, जब टिकट बाहरी नेता को दिया गया। वहीं, मुंबादेवी से शिवसेना के टिकट पर शाइना एनसी खड़ी हैं, जबकि बीजेपी के नेता अब भी उस सीट से अपनी दावेदारी जता रहे हैं। यह हाल विपक्षी गठबंधन का भी है, जहां कुछ सीटों पर दो उम्मीदवारों ने एक ही पार्टी से अलग-अलग टिकटों पर नामांकन किया।
अंधेरी पूर्व से शिवसेना के शिंदे गुट से टिकट न मिलने पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया। इस स्थिति ने दोनों ही गठबंधनों के चुनावी समीकरण में तनाव और रहस्य का तड़का डाल दिया है।
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