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TB bacteria: हर 10 में से 9 लोगों के शरीर में छिपा बैठा है यह घातक बैक्टीरिया! जैसे ही चूके, कर देगा अटैक

TB bacteria: हर 10 में से 9 लोगों के शरीर में छिपा बैठा है यह घातक बैक्टीरिया! जैसे ही चूके, कर देगा अटैक

भारत में टीबी (Tuberculosis) एक ऐसी बीमारी है, जो न केवल स्वास्थ्य बल्कि समाज पर भी गहरा असर डाल रही है। एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि लगभग 90% भारतीयों के शरीर में टीबी का बैक्टीरिया (TB bacteria) पहले से मौजूद है। यह बैक्टीरिया तब तक निष्क्रिय रहता है जब तक हमारी इम्यूनिटी मजबूत रहती है। लेकिन जैसे ही शरीर कमजोर पड़ता है, यह जानलेवा अटैक कर सकता है।

टीबी का फैलाव: कैसे हो रहा है यह बैक्टीरिया हर जगह?

टीबी का कारण एक खास प्रकार का बैक्टीरिया है, जिसे मायोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) कहा जाता है। यह बैक्टीरिया वातावरण में मौजूद रहता है और सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैक्टीरिया भारत के अधिकांश लोगों के शरीर में पहले से ही मौजूद है।

जब तक हमारी इम्यूनिटी (immunity) मजबूत रहती है, यह बैक्टीरिया कोई नुकसान नहीं करता। लेकिन जैसे ही शरीर कमजोर होता है, यह फेफड़ों या अन्य अंगों पर अटैक करता है। यही वजह है कि टीबी को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। खासकर जिन लोगों को लंबे समय तक खांसी, बुखार, या वजन कम होने जैसी समस्याएं हो रही हों, उन्हें तुरंत जांच करानी चाहिए।

टीबी के प्रकार और इसके खतरे

टीबी कई प्रकार की हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा मामले पल्मोनरी टीबी (फेफड़ों की टीबी) के होते हैं। पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर भगवान मंत्री के अनुसार, फेफड़ों की टीबी का पता लगाना अपेक्षाकृत आसान है क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट होते हैं। लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में टीबी का पता लगाना मुश्किल होता है।

टीबी का इलाज आसान नहीं है। इसे खत्म करने के लिए लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स (antibiotics) का सेवन करना पड़ता है, जो लगभग 6 से 9 महीने तक चलता है। अगर इलाज सही समय पर न हो, तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है।

मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट टीबी: एक बड़ी चुनौती

भारत में टीबी को खत्म करने में एक बड़ी रुकावट मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (MDR-TB) है। यह टीबी का एक ऐसा रूप है, जिस पर सामान्य एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते। यह समस्या तब होती है जब मरीज इलाज के बीच में दवा लेना बंद कर देते हैं या दवाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं।

MDR-TB का इलाज न केवल महंगा है, बल्कि इसमें इलाज का समय भी अधिक लगता है। यह स्थिति इसलिए खतरनाक है क्योंकि यह व्यक्ति से व्यक्ति में फैल सकती है और नई समस्याएं पैदा कर सकती है।

टीबी के लक्षण: नजरअंदाज करना हो सकता है घातक

टीबी के लक्षण शुरू में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन अगर इन्हें नजरअंदाज किया जाए, तो ये गंभीर रूप ले सकते हैं। इनमें प्रमुख लक्षण हैं:

  • लंबे समय तक खांसी रहना
  • हल्का बुखार या पसीना आना
  • वजन कम होना
  • भूख न लगना

यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कई बार साधारण दवाएं भी टीबी को नियंत्रित करने में सक्षम होती हैं, लेकिन देर होने पर समस्या बढ़ सकती है।

भारत में टीबी: आंकड़ों की चौंकाने वाली सच्चाई

भारत टीबी के मरीजों के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से अक्टूबर 2024 के बीच लगभग 21.69 लाख नए टीबी के मामले दर्ज किए गए। यह संख्या 2020 में 18.05 लाख थी, जो अब तेजी से बढ़ रही है।

भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक टीबी को खत्म किया जाए। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह लक्ष्य काफी चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि टीबी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।


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