हैदराबाद के छठे निजाम, मीर महबूब अली खान, अपने समय के सबसे अमीर और सबसे दिलचस्प व्यक्तित्वों में से एक थे। उनके जीवन के किस्से आज भी लोगों को हैरान करते हैं। उनमें से एक कहानी उनके फ्रेंच फैशन (Nizam’s French Fashion) और उनके नौकर अल्बर्ट आबिद की है। यह कहानी न सिर्फ निजाम की विलासिता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे एक चतुर नौकर ने उनकी आदतों से करोड़ों कमा लिए।
फ्रेंच फैशन का जुनून
मीर महबूब अली खान 1869 में मात्र दो साल की उम्र में हैदराबाद के निजाम बने। उन्होंने पश्चिमी संस्कृति और फैशन से प्रेरित होकर अपने जीवन में कई बदलाव किए। उन्हें फ्रांसीसी फैशन से खास लगाव था। यहां तक कि उनके मोजे भी फ्रांस से आयात किए जाते थे। लेकिन उनकी आदतें और भी दिलचस्प थीं। वे अपने मोजे केवल एक बार पहनते थे और फिर उन्हें फेंक देते थे।
नौकर अल्बर्ट आबिद की चतुराई
निजाम के सबसे विश्वासपात्र नौकर अल्बर्ट आबिद, जो एक आर्मेनियाई थे, उनके हर काम में साथ रहते थे। मशहूर इतिहासकार डीएफ कराका के अनुसार, आबिद निजाम के कपड़े, जूते, और यहां तक कि उनके गहनों का भी ध्यान रखते थे। आबिद ने निजाम की इस आदत को भुनाने का तरीका ढूंढ निकाला।
आबिद ने फेंके गए मोजे इकट्ठा करना शुरू कर दिया और उन्हें बाजार में बेचने की कोशिश की। जब छोटे आकार के मोजे नहीं बिके, तो उन्होंने उन्हें साफ करवाकर नए लेबल के साथ फिर से पैक कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि आबिद ने वही मोजे निजाम को वापस बेच दिए। इस चतुराई ने आबिद को करोड़पति बना दिया और वह हैदराबाद में एक बड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर खोलने में कामयाब रहे। इस स्टोर को ‘आबिद’ के नाम से जाना गया।
डिपार्टमेंटल स्टोर और कमीशन का खेल
आबिद ने केवल मोजों से ही नहीं, बल्कि अन्य चीजों से भी खूब पैसे कमाए। वे व्यापारियों से भारी कमीशन लेकर उन्हें निजाम तक पहुंचाते थे। निजाम को प्रस्तुत की जाने वाली वस्तुओं में से जो चीजें उन्हें पसंद आती थीं, वे उन्हें बिना कीमत की परवाह किए खरीद लेते थे। यह आबिद के लिए पैसे कमाने का एक और जरिया था।
निजाम और उनका शाही जीवन
महबूब अली खान का जीवन विलासिता से भरा था। उनके लिए हर चीज़ खास होनी चाहिए थी, चाहे वह कपड़े हों या जूते। उनके शासनकाल में हैदराबाद राज्य बेहद समृद्ध था, और उन्होंने अपने जीवन में इस संपन्नता का भरपूर आनंद लिया।
आखिर क्यों याद किए जाते हैं निजाम?
महबूब अली खान न केवल अपनी विलासिता बल्कि अपनी प्रशासनिक क्षमता के लिए भी जाने जाते थे। उनके शासनकाल में हैदराबाद राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और कला के क्षेत्र में काफी प्रगति की। लेकिन उनके जीवन से जुड़े रोचक किस्से जैसे कि फ्रेंच फैशन का जुनून और आबिद की कहानी आज भी उन्हें खास बनाते हैं।