Fastest Growing Religion: दुनिया में कौन सा मजहब सबसे तेजी से बढ़ रहा है? (Which Religion is Growing Fastest) अगर इस सवाल का जवाब दें, तो आंकड़े बताते हैं कि इस्लाम सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। भारत समेत कई देशों में इस्लाम के अनुयायियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेरिकी संस्था प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, अगर यह रुझान जारी रहा तो साल 2070 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन सकता है।
दुनिया के मजहबों की मौजूदा स्थिति
इस समय ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है। 2020 में दुनिया भर में 2.38 बिलियन यानी 238 करोड़ लोग ईसाई धर्म को मानते थे। वहीं, इस्लाम धर्म के अनुयायी करीब 1.91 बिलियन यानी 191 करोड़ थे। हिंदू धर्म के अनुयायियों की संख्या लगभग 116 करोड़ थी।
इस्लाम की बढ़ती आबादी का मुख्य कारण इसकी ऊंची जन्म दर है। मुस्लिम परिवारों में औसत जन्म दर अन्य धर्मों की तुलना में अधिक है, जो इस्लाम को दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म बनाता है।
इस्लाम को मानने वालों की संख्या कैसे बढ़ रही है?
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट बताती है कि 2060 तक मुस्लिमों की संख्या 70 प्रतिशत बढ़ सकती है। यह वृद्धि केवल ऊंची जन्म दर की वजह से नहीं, बल्कि धर्म परिवर्तन के कारण भी हो रही है।
ब्रिटेन में हर साल करीब 6,000 लोग इस्लाम अपनाते हैं। अमेरिका में यह संख्या करीब 20,000 है। यहां तक कि यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में मुसलमानों की बढ़ती संख्या चर्चा का विषय है।
इस्लाम से धर्म परिवर्तन क्यों मुश्किल है?
कुछ मुस्लिम देशों में इस्लाम को छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपनाना कानूनी और सामाजिक तौर पर कठिन है। कई देशों में ऐसा करने पर सजा का प्रावधान है। यही कारण है कि इस्लाम से धर्म परिवर्तन के मामले कम देखे जाते हैं।
हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में मुसलमानों की संख्या में बदलाव का आंकड़ा बराबर है। जितने लोग इस्लाम अपनाते हैं, उतने ही इसे छोड़ते भी हैं।
क्या भारत पर असर पड़ेगा?
भारत में इस्लाम के तेजी से बढ़ने का असर साफ दिख रहा है। साल 2050 तक भारत दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा, जो इंडोनेशिया को पीछे छोड़ देगा। हालांकि, तब भी भारत में हिंदुओं की संख्या मुसलमानों से अधिक होगी।
यूरोप में इस्लाम के बढ़ते प्रभाव का असर वहां की राजनीति और समाज पर दिखने लगा है। ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों में ईसाइयों की संख्या कम होती जा रही है। 2050 तक यूरोप में हर दस लोगों में से एक मुसलमान होगा।
धर्म परिवर्तन में इस्लाम की भूमिका
इस्लाम को अपनाने वालों में ज्यादातर लोग ईसाई धर्म से आते हैं। अनुमान है कि 1990 से 2000 के बीच 12.5 मिलियन (1.25 करोड़) लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया।
इस्लाम को मानने वाले 77 प्रतिशत लोग पहले ईसाई होते थे। इस बदलाव का मुख्य कारण इस्लाम की सरल और स्पष्ट धार्मिक परंपराएं मानी जाती हैं।
दुनिया के मजहबों का भविष्य
2060 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन सकता है। इसकी बढ़ती संख्या के कारण यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
भारत में भले ही हिंदू धर्म का प्रभाव प्रमुख रहेगा, लेकिन मुस्लिम आबादी का बढ़ना सांस्कृतिक और राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला मजहब (Which Religion is Growing Fastest) इस्लाम है। ऊंची जन्म दर और धर्म परिवर्तन ने इसे एक मजबूत धर्म के रूप में स्थापित किया है। भारत, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में इस्लाम का प्रभाव बढ़ रहा है। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बढ़ती संख्या का समाज, राजनीति और धर्मों के बीच संबंधों पर क्या असर पड़ता है।
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