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US Presidential Oath: भारत में चीफ जस्टिस दिलाते हैं राष्ट्रपति को शपथ, अमेरिका में कौन दिलाता है?

US Presidential Oath: भारत में चीफ जस्टिस दिलाते हैं राष्ट्रपति को शपथ, अमेरिका में कौन दिलाता है?

US Presidential Oath: भारत में राष्ट्रपति को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) की होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण कैसे होता है और उन्हें कौन शपथ दिलाता है? हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।

डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह यूएस कैपिटल के अंदर रोटुंडा में आयोजित किया गया। कड़ाके की ठंड को देखते हुए समारोह को खुले मैदान के बजाय अंदर आयोजित किया गया। ट्रंप का शपथ ग्रहण केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अमेरिकी लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण परंपरा है।

US Presidential Oath: शपथ कौन दिलाता है?

अमेरिकी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) शपथ दिलाते हैं। इस बार डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स (John Roberts) ने शपथ दिलाई। यह परंपरा अमेरिका के संविधान का हिस्सा है, जो राष्ट्रपति की शक्तियों और जिम्मेदारियों को लेकर एक स्पष्ट संदेश देती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ: 35 शब्दों का संकल्प

अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा ली जाने वाली शपथ केवल 35 शब्दों में होती है। यह शपथ अमेरिका के संविधान में दर्ज है और इसे राष्ट्रपति के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की आधारशिला माना जाता है।

शपथ के शब्द:
“I do solemnly swear (or affirm) that I will faithfully execute the Office of President of the United States, and will to the best of my ability, preserve, protect, and defend the Constitution of the United States.”

इस शपथ का अनुवाद इस प्रकार है:
“मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ (या प्रतिज्ञान करता हूँ) कि मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पद का निष्ठापूर्वक निर्वहन करूँगा, और अपनी पूरी क्षमता से संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान का संरक्षण, सुरक्षा और बचाव करूँगा।”

डोनाल्ड ट्रंप और दो बाइबल की परंपरा

शपथ ग्रहण के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने दो बाइबल का इस्तेमाल किया। इनमें से एक बाइबल उनकी मां ने उन्हें उपहार में दी थी, जबकि दूसरी लिंकन बाइबल (Lincoln Bible) थी। यह परंपरा अमेरिकी इतिहास और धार्मिकता के प्रति श्रद्धा को दर्शाती है।

शपथ ग्रहण में शामिल विशिष्ट मेहमान

ट्रंप के शपथ ग्रहण में कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मेहमान शामिल हुए। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और नीता अंबानी भी समारोह का हिस्सा बने।

वहीं, वैश्विक तकनीकी दिग्गजों में एलन मस्क, जेफ बेजोस, और मार्क जुकरबर्ग ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भी इस ऐतिहासिक मौके पर भाग लिया।

शपथ ग्रहण का महत्व

शपथ ग्रहण किसी भी लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग होता है। यह न केवल नए नेतृत्व की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि देश की जनता और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। डोनाल्ड ट्रंप का दूसरी बार राष्ट्रपति बनना अमेरिका के लिए न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में भी एक नया अध्याय जोड़ता है।


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अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ (US Presidential Oath), मुख्य न्यायाधीश द्वारा शपथ ग्रहण (Chief Justice Administers Oath)

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