भारत में गरीबी (Poverty in India) एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिस पर दशकों से चर्चा होती आई है। लेकिन अब नीति आयोग ने एक बड़ा दावा किया है। आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी के अनुसार, भारत में पूर्ण गरीबी (Extreme Poverty) लगभग खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि देश में अब सिर्फ 1 प्रतिशत लोग ही गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। यह आंकड़ा पहले 12.2 प्रतिशत था, जो अब घटकर 1 प्रतिशत पर आ गया है। यह सुधार भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
गरीबी कम होने के पीछे की वजह
विरमानी ने बताया कि यह सुधार सरकार की योजनाओं और नीतियों का नतीजा है। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक के मानकों के अनुसार, जो लोग प्रतिदिन 1.9 डॉलर से कम कमाते हैं, वे गरीबी रेखा से नीचे माने जाते हैं। भारत में इस श्रेणी में आने वाले लोगों की संख्या अब न के बराबर है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आय असमानता (Income Inequality) अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
1 प्रतिशत गरीबी कहां है?
विरमानी ने बताया कि जो 1 प्रतिशत आबादी अभी भी गरीबी में जी रही है, वह दूरदराज के इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहती है। इन लोगों तक पहुंचना और उनकी स्थिति सुधारना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के लिए सामान्य नीतियां काम नहीं करेंगी। इनकी समस्याओं को समझने और उनके अनुसार समाधान निकालने की जरूरत है।
50 सालों का सफर
विरमानी ने यह भी बताया कि भारत ने गरीबी को कम करने के लिए 50 सालों तक संघर्ष किया है। साल 2007 से 2009 के बीच, जब वे मुख्य आर्थिक सलाहकार थे, तब गरीबी का आंकड़ा 12.2 प्रतिशत था। यह आंकड़ा अब घटकर 1 प्रतिशत पर आ गया है। यह सुधार न सिर्फ आर्थिक विकास (Economic Growth) का नतीजा है, बल्कि सरकार की सामाजिक योजनाओं का भी परिणाम है।
आगे की चुनौतियां
हालांकि, गरीबी कम होने के बावजूद, आय असमानता और आर्थिक विषमता (Economic Disparity) अभी भी बनी हुई है। विरमानी ने कहा कि अगले 7 सालों में इसे भी खत्म करने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार को और अधिक प्रभावी नीतियां बनाने की जरूरत होगी।
नई पीढ़ी के लिए संदेश
भारत की नई पीढ़ी के लिए यह खबर एक उम्मीद की किरण है। गरीबी कम होने का मतलब है कि देश आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है। लेकिन, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं। हमें उन लोगों तक पहुंचना होगा, जो अभी भी विकास की मुख्यधारा से दूर हैं।
Poverty in India
भारत में गरीबी का आंकड़ा घटकर 1 प्रतिशत पर आ गया है, यह एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन, अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। नई पीढ़ी को इस दिशा में आगे बढ़कर काम करने की जरूरत है, ताकि हम एक समृद्ध और समान समाज का निर्माण कर सकें।
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