मुंबई: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े 122 करोड़ रुपये के घोटाले में जांच तेज हो गई है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मंगलवार, 11 मार्च को इस मामले के मुख्य आरोपी हितेश मेहता का पॉलीग्राफ टेस्ट (Lie Detector Test) कराया। ये टेस्ट फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) में विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों की मौजूदगी में हुआ, जो करीब 2 घंटे 30 मिनट तक चला।
40 से 50 सवालों के जवाब दिए
सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान हितेश मेहता से घोटाले से जुड़े 40 से 50 सवाल पूछे गए। इनमें प्रमुख रूप से पैसों के ट्रांसफर, अन्य आरोपियों की भूमिका और बैंक फंड के दुरुपयोग से जुड़े सवाल शामिल थे। बताया जा रहा है कि मेहता ने इन सवालों के जवाब सिर्फ ‘हां’ और ‘ना’ में दिए।
EOW अधिकारियों के मुताबिक, ये टेस्ट सुबह 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक चला। जांच टीम ने इस दौरान घोटाले में शामिल अन्य संभावित आरोपियों और पैसों के गबन की विस्तृत जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
3 से 4 दिन में आ सकती है रिपोर्ट
अधिकारियों के अनुसार, पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट अगले 3 से 4 दिनों में आ सकती है। पुलिस का कहना है कि इस रिपोर्ट से उन गुत्थियों को सुलझाने में मदद मिलेगी, जो अब तक साफ नहीं हो पाई हैं या जिन पर शक बना हुआ है। इस रिपोर्ट से घोटाले से जुड़े अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट आने के बाद EOW आगे की जांच और संभावित गिरफ्तारियों को लेकर फैसला करेगी।
क्या है न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाला?
ये 122 करोड़ रुपये का घोटाला कथित तौर पर बैंक फंड के दुरुपयोग से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों और अनियमित ट्रांजेक्शन के जरिए बैंक से बड़ी रकम की हेराफेरी की गई।
EOW इस मामले में पहले ही कई संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है और अब पॉलीग्राफ टेस्ट के जरिए नए सुराग तलाशने की कोशिश कर रही है। इस रिपोर्ट के आने के बाद पुलिस आगे की रणनीति तैयार करेगी और जरूरी कानूनी कार्रवाई करेगी।
आगे क्या होगा?
अब सभी की नजरें पॉलीग्राफ रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस घोटाले की सच्चाई सामने लाने में मदद कर सकती है। यदि रिपोर्ट में कोई गंभीर खुलासे होते हैं, तो EOW जल्द ही नए सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
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