महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पूरी तरह बंद रहने चाहिए। विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान सीएम फडणवीस ने विशेष रूप से प्रार्थना स्थलों, खासकर मस्जिदों पर होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर सरकार के रुख को स्पष्ट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर की अनुमति नहीं होगी। यदि किसी भी प्रार्थना स्थल पर लाउडस्पीकर की आवाज इस निर्धारित सीमा से अधिक पाई जाती है, तो महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण महामंडल (MPCB) संबंधित स्थल के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में किसी को भी सामान्य रूप से लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अब स्थानीय पुलिस निरीक्षक की जिम्मेदारी होगी कि वो अपने क्षेत्र के प्रार्थना स्थलों पर नजर रखे और सुनिश्चित करे कि ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन हो रहा है। उन्हें खुद जाकर चेक करना होगा कि कहीं कोई नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहा।
केंद्र सरकार से ये अनुरोध किया जाएगा कि ध्वनि प्रदूषण पर कार्रवाई करने के अधिकारों में बदलाव किया जाए, जिससे राज्य सरकार को भी कार्रवाई करने का अधिकार मिले। फिलहाल ये अधिकार MPCB के पास है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने को लेकर पहले भी जमकर राजनीति हो चुकी है। जैसे ही ये मुद्दा उठता है, सियासी गलियारों में हलचल तेज हो जाती है। पक्ष-विपक्ष के नेता इस पर खुलकर बयानबाजी करते हैं और ये एक विवादास्पद राजनीतिक मुद्दा बन जाता है। लेकिन इस बार सीएम फडणवीस ने साफ संकेत दे दिए हैं कि सरकार ध्वनि प्रदूषण के नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए तैयार है।
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