Vinesh Phogat Demands Cash and Plot: पेरिस ओलंपिक की स्टार पहलवान और अब जुलाना से विधायक विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने हरियाणा सरकार से एक ऐसी माँग की, जिसने खेल विभाग को सोच में डाल दिया। हरियाणा सरकार ने उन्हें ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के लिए रजत पदक विजेता का दर्जा देते हुए तीन विकल्प दिए थे—4 करोड़ रुपये नकद, एक प्लॉट या ग्रुप A की नौकरी। लेकिन विनेश ने नकद के साथ-साथ प्लॉट की भी माँग कर दी। यह खबर नई पीढ़ी के लिए खास है, क्योंकि यह न केवल एक खिलाड़ी की मेहनत की कहानी है, बल्कि उनके हक और हिम्मत की भी बात करती है।
विनेश फोगाट का नाम आज हर घर में जाना जाता है। पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किलोग्राम वर्ग में वह फाइनल तक पहुँची थीं। पूरी दुनिया की नजरें उनके स्वर्ण पदक पर टिकी थीं, लेकिन एक छोटी-सी तकनीकी गलती ने उनके सपने को छीन लिया। उनके वजन में 100 ग्राम की बढ़ोतरी के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह खबर सुनकर न केवल विनेश, बल्कि पूरा देश स्तब्ध रह गया। लेकिन हरियाणा सरकार ने विनेश की मेहनत को सम्मान देने का फैसला किया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान किया कि विनेश को वह सारी सुविधाएँ दी जाएँगी, जो एक रजत पदक विजेता को मिलती हैं। इस ऐलान ने विनेश के लिए नई उम्मीद की किरण जलाई।
सरकार ने विनेश को तीन विकल्प दिए। पहला था 4 करोड़ रुपये की नकद राशि, दूसरा था हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (Haryana Shahari Vikas Pradhikaran) यानी HSVP का एक प्लॉट, और तीसरा था ग्रुप A की सरकारी नौकरी। इनमें से किसी एक को चुनने की बात थी। शुरुआत में खबरें थीं कि विनेश ने नकद राशि का विकल्प चुना है। लेकिन अब जो खबर सामने आई, उसने सबको चौंका दिया। विनेश ने सरकार से कहा कि उन्हें 4 करोड़ रुपये के साथ-साथ प्लॉट भी चाहिए। यह माँग सुनकर खेल विभाग के अधिकारी हैरान हैं। एक अधिकारी ने बताया कि नियम के मुताबिक केवल एक ही विकल्प चुनना था, लेकिन विनेश की माँग ने विभाग को असमंजस में डाल दिया।
विनेश की इस माँग को समझने के लिए हमें उनके सफर को करीब से देखना होगा। हरियाणा के एक छोटे से गाँव से निकलकर विनेश ने कुश्ती की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। ओलंपिक में उनका प्रदर्शन हर भारतीय के लिए गर्व की बात था। लेकिन 100 ग्राम वजन की वजह से मेडल न मिलना उनके लिए एक बड़ा झटका था। इसके बावजूद, विनेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने कुश्ती से संन्यास लिया और राजनीति में कदम रखा। कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना सीट से उन्होंने 6,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। आज वह न केवल एक खिलाड़ी हैं, बल्कि लोगों की आवाज उठाने वाली विधायक भी हैं।
विनेश की माँग को लेकर खेल विभाग में चर्चाएँ तेज हैं। अधिकारी इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या नियमों में कोई बदलाव किया जा सकता है। विनेश का कहना है कि ओलंपिक में उनकी मेहनत और देश के लिए उनका योगदान इतना बड़ा है कि उन्हें यह सम्मान मिलना चाहिए। दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि नियम सभी के लिए बराबर हैं, और एक से ज्यादा विकल्प देना मुश्किल हो सकता है। यह मामला अब हरियाणा की सियासत में भी गूंज रहा है, क्योंकि विनेश की लोकप्रियता और उनके समर्थकों की संख्या कम नहीं है।
विनेश की कहानी सिर्फ एक खिलाड़ी या विधायक की नहीं है। यह उस हौसले की कहानी है, जो मुश्किलों के सामने झुकने से इनकार करता है। पेरिस ओलंपिक में वह मेडल से चूक गईं, लेकिन उन्होंने हरियाणा और भारत के लोगों का दिल जीत लिया। उनकी माँग ने यह भी दिखाया कि वह अपने हक के लिए खुलकर बोल सकती हैं। यह बात नई पीढ़ी को प्रेरित करती है कि मेहनत और हिम्मत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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