महाराष्ट्र

महायुति में फूट की अफवाहों पर एकनाथ शिंदे ने तोड़ी चुप्पी, बोले – गठबंधन में सब ठीक है

एकनाथ शिंदे
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महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ समय से महायुति सरकार को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। खास तौर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच मतभेद की खबरें सुर्खियों में हैं। लेकिन क्या वाकई में गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है, या ये महज अफवाहें हैं? आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं।

एकनाथ शिंदे का दावा: सब कुछ ठीक है
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में इन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। 13 अप्रैल को उन्होंने स्पष्ट किया कि महायुति गठबंधन में कोई कलह नहीं है। शिंदे ने कहा, “हम काम करते हैं और शिकायत नहीं करते। अगर कोई मुद्दा होगा, तो उसे बातचीत से सुलझा लिया जाएगा।” उन्होंने ये भी खंडन किया कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अजित पवार के बारे में कोई शिकायत की है। शिंदे का कहना है कि गठबंधन में सब कुछ सामान्य है और अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है।

अजित पवार की सलाह: अटकलों से बचें
दूसरी ओर, अजित पवार ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे को कोई समस्या है, तो वो सीधे उनसे या मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करें। अजित पवार ने जोर देकर कहा कि उनके और शिंदे के बीच अच्छे संबंध हैं। उन्होंने ये भी सलाह दी कि लोगों को अटकलों के बजाय तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए।

फंड आवंटन को लेकर तनाव?
खबरों के मुताबिक, शिवसेना और एनसीपी के बीच कुछ मुद्दों का कारण फंड आवंटन और फाइलों की मंजूरी में देरी हो सकती है। ऐसा कहा जा रहा है कि शिवसेना के मंत्रियों और विधायकों की विकास योजनाओं से जुड़ी फाइलें वित्त विभाग में लंबे समय तक अटक रही हैं, जिसके चलते कई प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं। चूंकि वित्त विभाग अजित पवार के पास है, इसलिए इस देरी को लेकर शिवसेना की ओर से नाराजगी की बात सामने आ रही है।

हाल ही में पुणे में अमित शाह और एकनाथ शिंदे के बीच हुई एक बैठक को भी इसी मुद्दे से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने इस बैठक में फाइलों की मंजूरी में हो रही देरी को लेकर चिंता जताई। उन्होंने गठबंधन में “समानता और पारदर्शिता” की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि फंड वितरण और फाइल मंजूरी में निष्पक्षता बरती जानी चाहिए।

बीजेपी नेता मुनगंटीवार का समर्थन
इस पूरे मामले में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने एकनाथ शिंदे का बचाव किया। उन्होंने कहा कि शिंदे एक जिम्मेदार और समझदार नेता हैं, जो शिकायत करने के लिए गुप्त तरीकों का सहारा नहीं लेंगे। मुनगंटीवार के मुताबिक, अगर शिंदे को कोई बात कहनी होगी, तो वो सीधे अजित पवार से बात करेंगे, न कि अमित शाह के सामने इस तरह के मुद्दे उठाएंगे।

महायुति गठबंधन में मतभेद की खबरें भले ही सुर्खियों में हों, लेकिन एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों ने ही इन अफवाहों को खारिज किया है। दोनों नेताओं का कहना है कि गठबंधन में कोई बड़ी समस्या नहीं है और छोटे-मोटे मुद्दों को बातचीत से हल किया जा सकता है। फिर भी, फंड आवंटन और फाइल मंजूरी जैसे मुद्दों पर पारदर्शिता और सहयोग बढ़ाने की जरूरत है, ताकि गठबंधन और मजबूत हो सके।

वैसे महाराष्ट्र की राजनीति में क्या होगा अगला ट्विस्ट? ये तो वक्त ही बताएगा। तब तक, हमें तथ्यों पर भरोसा करना चाहिए और अटकलों से बचना चाहिए।

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