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Aditya Thackeray Targets Shinde: काला जादू का इल्जाम, आदित्य ठाकरे ने शिंदे पर साधा सियासी निशाना

Aditya Thackeray Targets Shinde: काला जादू का इल्जाम, आदित्य ठाकरे ने शिंदे पर साधा सियासी निशाना

Aditya Thackeray Targets Shinde: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से हलचल मच गई है। शिवसेना (UBT) के युवा नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने शिंदे पर काला जादू करने का आरोप लगाया, जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं को हवा दे दी। यह बात तब सामने आई, जब आदित्य ने पुणे में शिंदे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात का जिक्र किया। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब ठाकरे ने शिंदे पर ऐसे इल्जाम लगाए हों। आइए, इस कहानी को और करीब से समझते हैं।

यह सब शुरू हुआ 12 अप्रैल 2025 को, जब अमित शाह छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रायगढ़ किले पहुंचे थे। वहां समाधि जीर्णोद्धार शताब्दी कार्यक्रम में उनकी मुलाकात एकनाथ शिंदे से हुई। इस मुलाकात को लेकर शिवसेना (UBT) के नेताओं की भौंहें तन गईं। आदित्य ठाकरे ने अगले दिन, यानी शनिवार को, पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुलाकात का जिक्र करते हुए शिंदे पर तंज कसा। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि शिंदे पूर्णिमा के मौके पर अपने गांव गए होंगे और वहां कुछ खास किया होगा। आदित्य ने साफ तौर पर काला जादू का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनके शब्दों से यह साफ था कि वह एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर ही निशाना साध रहे थे।

आदित्य का यह बयान अकेला नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शिंदे से मिले, उन्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। यह बात उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कही, जिससे सियासी हलकों में तरह-तरह की बातें होने लगीं। यह पहली बार नहीं है, जब शिवसेना (UBT) ने शिंदे पर तंत्र-मंत्र या काला जादू जैसे आरोप लगाए हों। इससे पहले भी पार्टी के नेता, खास तौर पर संजय राउत, शिंदे के असम में कामाख्या मंदिर जाने और सतारा के अपने गांव की यात्राओं को लेकर ऐसे ही इल्जाम लगा चुके हैं। करीब दो महीने पहले राउत ने दावा किया था कि शिंदे ने मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले ‘वर्षा’ में काला जादू किया, जिसके चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वहां रहने से कतराते हैं।

आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) का यह हमला सिर्फ सियासी बयानबाजी तक सीमित नहीं था। उन्होंने मुंबई में बढ़ते जल संकट को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। आदित्य ने BMC और राज्य सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वह इस समस्या का हल निकालें, वरना उनकी पार्टी हर BMC कार्यालय के बाहर मोर्चा निकालेगी। इसी मुद्दे पर पुणे में एक बैठक के बाद उन्होंने शिंदे पर यह तंज कसा। उनके इस बयान ने साफ कर दिया कि शिवसेना (UBT) और शिंदे गुट के बीच की खटास अभी खत्म होने वाली नहीं है।

शिंदे और ठाकरे के बीच यह तकरार महाराष्ट्र की सियासत में पुरानी बात है। 2022 में जब शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर BJP के साथ गठबंधन किया, तभी से दोनों गुटों में तनाव चला आ रहा है। शिंदे अब महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं, जबकि ठाकरे विपक्ष की भूमिका में हैं। इस बीच, शिंदे की अमित शाह से मुलाकात ने विपक्ष को एक नया मुद्दा दे दिया। आदित्य का यह बयान उस सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह शिंदे की छवि को निशाना बना रहे हैं।

संजय राउत ने भी इस मौके पर चुप्पी नहीं साधी। उन्होंने अमित शाह पर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाया। राउत का कहना था कि शाह ने रायगढ़ के कार्यक्रम में शिवाजी महाराज का नाम गलत तरीके से लिया और औरंगजेब के मकबरे को समाधि कहकर उनकी विरासत का अपमान किया। यह बयान भी उस तनाव को दिखाता है, जो महायुति और विपक्ष के बीच चल रहा है।

यह सारा मामला सिर्फ एक बयान तक सीमित नहीं है। यह उस सियासी जंग का हिस्सा है, जो महाराष्ट्र में हर दिन नए रंग ले रही है। काला जादू (Black Magic) जैसे आरोप भले ही सुनने में अजीब लगें, लेकिन ये सियासत में चर्चा का हिस्सा बन गए हैं। आदित्य का यह बयान न केवल शिंदे को निशाना बनाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विपक्ष हर मौके का फायदा उठाने को तैयार है।


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