कुत्तों से जुड़ी घटनाएं, जैसे काटना या पंजा मारना, अक्सर लोगों में डर और तनाव पैदा करती हैं। खासकर जब बात रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी की हो, तो ये डर और बढ़ जाता है। ज्यादातर लोग जानते हैं कि कुत्ते के काटने से रेबीज हो सकता है, लेकिन क्या कुत्ते के पंजा मारने से भी रेबीज का खतरा है? ये सवाल कई लोगों के मन में उठता है। आइए, इस लेख में हम इस सवाल का वैज्ञानिक जवाब और इससे बचाव के तरीके जानते हैं।
क्या कुत्ते के पंजा मारने से रेबीज हो सकता है?
पशु चिकित्सा विशेषज्ञ, के अनुसार, कुत्ते के पंजा मारने से रेबीज होने की संभावना तभी होती है, जब कुछ खास परिस्थितियां मौजूद हों। सामान्य तौर पर, केवल पंजा मारने से रेबीज नहीं फैलता। हालांकि, निम्नलिखित स्थितियों में खतरा हो सकता है:
लार का संपर्क: अगर कुत्ते के नाखूनों पर उसकी लार लगी हो, जैसे कि उसने अपने पंजे चाटे हों।
गहरा घाव: अगर खरोंच से त्वचा में गहरा घाव हो जाए और खून निकले।
संक्रमित सामग्री: अगर कुत्ते के पंजे पर लार या संक्रमित खून मौजूद हो।
डॉ. बताते हैं, “अगर कुत्ता पंजा मारने से पहले किसी को काट चुका हो या उसके नाखूनों पर लार लगी हो, तो रेबीज का खतरा बढ़ सकता है।”
किन परिस्थितियों में बढ़ता है रेबीज का खतरा?
कुत्ते के पंजा मारने से रेबीज का खतरा निम्नलिखित परिस्थितियों में बढ़ सकता है:
गहरी खरोंच: अगर खरोंच से त्वचा फट जाए और खून निकले।
आवारा या बिना वैक्सीन वाला कुत्ता: अगर कुत्ता आवारा हो या उसे रेबीज का टीका न लगा हो।
आक्रामक व्यवहार: अगर कुत्ता रेबीज के लक्षण जैसे अत्यधिक आक्रामकता, मुंह से झाग निकलना आदि दिखा रहा हो।
घाव की अनदेखी: अगर खरोंच को तुरंत साफ न किया जाए।
कुत्ते के पंजा मारने पर क्या करें?
अगर कुत्ता पंजा मार दे और खरोंच लग जाए, तो तुरंत निम्नलिखित कदम उठाएं:
घाव को धोएं: खरोंच को 15 मिनट तक बहते पानी और साबुन से अच्छी तरह धोएं।
एंटीसेप्टिक का उपयोग: घाव पर बिटाडीन या अन्य एंटीसेप्टिक लगाएं।
डॉक्टर से संपर्क: तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं और डॉक्टर की सलाह लें।
वैक्सीन की जरूरत: अगर डॉक्टर सलाह दें, तो एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) लगवाएं।
रेबीज से बचाव के आसान तरीके
रेबीज एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही समय पर सावधानी बरतने से इसे पूरी तरह रोका जा सकता है। निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
पालतू कुत्तों का टीकाकरण: अपने पालतू कुत्तों को नियमित रूप से रेबीज का टीका लगवाएं।
बच्चों को जागरूक करें: बच्चों को सिखाएं कि वे आवारा या अनजान कुत्तों के पास सावधानी से जाएं।
खरोंच को नजरअंदाज न करें: आवारा कुत्ते से लगी किसी भी खरोंच को हल्के में न लें। तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
जागरूकता फैलाएं: अपने आसपास के लोगों को रेबीज के खतरों और बचाव के बारे में बताएं।
कुत्ते के पंजा मारने से रेबीज होने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन इसे पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता। अगर खरोंच गहरी हो या कुत्ते की लार के संपर्क में आए, तो सावधानी बरतना जरूरी है। डॉ. का कहना है, “रेबीज को समय रहते रोका जा सकता है, बशर्ते सही कदम उठाए जाएं।” इसलिए, किसी भी खरोंच को हल्के में न लें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।