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Where Do Indians Earn the Most? दुनिया का कौन-सा देश देता है भारतीयों को सबसे ज्यादा सैलरी, अमेरिका के लिए क्यों मची है मारामारी, जानें सैलरी का असली खेल!

Where Do Indians Earn the Most? दुनिया का कौन-सा देश देता है भारतीयों को सबसे ज्यादा सैलरी, अमेरिका के लिए क्यों मची है मारामारी, जानें सैलरी का असली खेल!

Where Do Indians Earn the Most? आजकल बहुत से भारतीय बेहतर नौकरी और अच्छी सैलरी के लिए विदेश जाने का सपना देखते हैं। विदेश में नौकरी का मतलब है ज्यादा कमाई, बेहतर जिंदगी और नई संभावनाएं। जब बात विदेश में नौकरी की आती है, तो ज्यादातर लोग अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया का नाम लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जो भारतीयों को इन देशों से भी ज्यादा सैलरी देते हैं? आइए, जानते हैं कि कौन-सा देश भारतीयों को सबसे ज्यादा सैलरी देता है और अमेरिका के लिए इतनी होड़ क्यों मची रहती है।

स्विट्जरलैंड दुनिया के उन देशों में शीर्ष पर है, जहां भारतीयों को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है। यह देश अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था और ऊंचे जीवन स्तर के लिए जाना जाता है। स्विट्जरलैंड में फाइनेंस, बैंकिंग, टेक्नोलॉजी और वॉच मेकिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों को शानदार मौके मिलते हैं। यहां औसतन सालाना सैलरी 1.74 करोड़ रुपये तक हो सकती है। यह रकम इतनी बड़ी है कि यह भारतीयों के लिए सपनों जैसी है। स्विट्जरलैंड की कंपनियां न सिर्फ अच्छी सैलरी देती हैं, बल्कि वहां का कामकाजी माहौल और सुविधाएं भी लाजवाब हैं।

एशिया में बात करें, तो जापान भारतीयों के लिए एक शानदार जगह है। जापान में आईटी, सॉफ्टवेयर और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में भारतीयों को अच्छी नौकरियां मिलती हैं। यहां औसतन सालाना 36 लाख रुपये तक की सैलरी मिल सकती है। जापान का कामकाजी माहौल बहुत अनुशासित है और वहां भारतीय पेशेवरों की काफी इज्जत होती है। इसके अलावा, जापान में रहने की लागत भले ही ज्यादा हो, लेकिन सैलरी भी उसी हिसाब से मिलती है।

आइसलैंड एक छोटा सा यूरोपीय देश है, लेकिन वहां भारतीयों को टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अच्छे मौके मिलते हैं। आइसलैंड में औसतन सालाना 60 लाख रुपये तक की सैलरी मिल सकती है। यह रकम यूरोप के कई बड़े देशों से भी ज्यादा है। इसी तरह, लक्जमबर्ग भी भारतीयों के लिए एक आकर्षक जगह है। यह छोटा सा देश बैंकिंग, टेलीकम्युनिकेशन और फाइनेंस सेक्टर में शानदार सैलरी देता है। यहां भारतीय पेशेवर औसतन 68 लाख रुपये सालाना कमा सकते हैं।

हांगकांग और सिंगापुर भी भारतीयों के लिए पसंदीदा जगह हैं। हांगकांग में फाइनेंशियल सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों को औसतन 3.51 लाख रुपये महीने की सैलरी मिलती है। सिंगापुर में यह रकम और ज्यादा है, जहां औसतन 4 लाख रुपये महीने की कमाई हो सकती है। ये दोनों जगहें अपनी आधुनिक सुविधाओं और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए जानी जाती हैं। भारतीयों को यहां आईटी, फाइनेंस और मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में अच्छे मौके मिलते हैं।

अब बात अमेरिका की, जहां नौकरी के लिए भारतीयों में सबसे ज्यादा होड़ देखी जाती है। अमेरिका में आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीयों को औसतन 57 लाख रुपये सालाना की सैलरी मिलती है। लेकिन अमेरिका का आकर्षण सिर्फ सैलरी तक सीमित नहीं है। वहां की हाई-टेक कंपनियां, बेहतरीन हेल्थकेयर, शिक्षा सुविधाएं और आधुनिक लाइफस्टाइल भारतीयों को अपनी ओर खींचते हैं। अमेरिका को अवसरों का देश कहा जाता है, जहां मेहनत करने वालों को बड़े मौके मिलते हैं। यही वजह है कि हजारों भारतीय हर साल अमेरिका जाने का सपना देखते हैं।

हर देश की अपनी खासियत है। स्विट्जरलैंड और लक्जमबर्ग जैसे देश ज्यादा सैलरी देते हैं, लेकिन वहां रहने की लागत भी ज्यादा है। वहीं, अमेरिका में सैलरी के साथ-साथ करियर ग्रोथ और लाइफस्टाइल का मिश्रण इसे खास बनाता है। भारतीय पेशेवरों के लिए विदेश में नौकरी के ढेरों विकल्प हैं, बस जरूरत है सही दिशा में मेहनत करने की।

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