आपने कभी गौर किया है कि दुनियाभर के धर्मों में उपवास या व्रत को इतना महत्व क्यों दिया जाता है? कुछ लोग तो हफ्तों तक सिर्फ पानी पीकर ज़िंदा रह सकते हैं! क्या सिर्फ धार्मिक आस्था के लिए लोग अपनी भूख को काबू में रख लेते हैं, या फिर इसके पीछे कोई और भी वजह है? क्या वैज्ञानिक तौर पर भी उपवास करने के फायदे हैं? आज इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे।
उपवास का इतिहास उतना ही पुराना है जितना खुद इंसानी सभ्यता। प्राचीन काल में जब खेती नहीं होती थी, तो शिकार पर निर्भर रहने वाले मनुष्यों को अक्सर कई दिनों तक भूखे रहना पड़ता था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के समय में, जब खाना आसानी से उपलब्ध है, तब भी दुनिया के कोने-कोने में लोग धार्मिक, सांस्कृतिक या स्वास्थ्य से जुड़ी वजहों से उपवास रखते हैं। हर धर्म में उपवास के अपने नियम और महत्व हैं।
आइए कुछ प्रमुख धर्मों में उपवास रखने के तरीकों पर एक नज़र डालते हैं:
हिंदू धर्म: हिंदू धर्म में उपवास की परंपरा बेहद विविधता लिए हुए है। सालभर में अलग-अलग देवी-देवताओं के सम्मान में व्रत रखे जाते हैं। नवरात्री, महाशिवरात्रि, एकादशी जैसे कई मौकों पर लोग उपवास रखकर पूजा-पाठ करते हैं। कई लोग तो हफ्ते के किसी खास दिन भी अपना मनपसंद खाना त्यागकर व्रत रखते हैं।
बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म में उपवास को आध्यात्मिक साधना का हिस्सा माना जाता है। भिक्षु दोपहर के भोजन के बाद कुछ भी नहीं खाते। उनका यह अनुशासन मन को शांत रखने, ध्यान या मेडिटेशन को गहरा करने और भौतिक सुखों से दूरी बनाने के लिए किया जाता है।
इस्लाम: रमज़ान के पवित्र महीने में रोज़े (उपवास) रखना इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। माना जाता है कि इससे आत्म-संयम, ईश्वर से निकटता, और ज़रूरतमंदों के दर्द को समझने की भावना बढ़ती है। रमज़ान में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पानी की एक बूंद भी नहीं पी जाती।
ईसाई धर्म: ईसाई धर्म में भी उपवास को ईश्वर के साथ अपने संबंध को मज़बूत करने का तरीका माना जाता है। कुछ खास धार्मिक दिनों या मौकों पर उपवास रखकर प्रार्थना की जाती है। ये पश्चाताप या आत्म-शुद्धि का भी प्रतीक हो सकता है।
उपवास एक ऐसा विषय है जिसको लेकर अलग-अलग लोगों की राय अलग हो सकती है। जहां कुछ लोग इसे पूरी तरह से धार्मिक और आध्यात्मिक मानते हैं, वहीं कई लोग इसके स्वास्थ्य से जुड़े फायदों में भी विश्वास रखते हैं। वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि अगर उपवास को सही तरीके और कम समय के लिए किया जाए, तो ये शरीर से विषैले पदार्थ निकालने, मेटाबॉलिज़्म सुधारने, और कुछ बीमारियों से बचाव में मददगार हो सकता है। लेकिन, बिना किसी जानकारी के या बिना डॉक्टर से पूछे बेहद लंबे उपवास खतरनाक भी साबित हो सकते हैं, खासकर अगर पहले से कोई बीड़ीमारी हो तो।
उपवास के बारे में कई और भी रोचक बातें हैं। क्या आप जानते हैं कि इंसानों के अलावा जानवरों की कई प्रजातियां भी बिना खाए लंबे समय तक रह लेती हैं? सर्दियों में भालू, सांप, और यहां तक कि ऊंट भी महीनों तक बिना खाने के रहकर अपने शरीर में जमा फैट से ऊर्जा लेते हैं!