EWS बनाम OBC: भारत में आरक्षण की व्यवस्था हमेशा से ही चर्चा और बहस का विषय रही है। इसमें EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) दो प्रमुख श्रेणियां हैं। पहली नजर में दोनों आरक्षण जैसी ही सुविधा देती हैं, लेकिन इनकी आधारशिला और पात्रता बिल्कुल अलग है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर EWS और OBC में अंतर क्या है।
EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग)
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आधार: ये पूरी तरह आर्थिक स्थिति पर आधारित है।
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पात्रता:
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केवल सामान्य वर्ग (General Category) के वे लोग, जो OBC, SC या ST में शामिल नहीं हैं।
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वार्षिक पारिवारिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।
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आरक्षण: 10% सीटें EWS वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
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कब लागू हुआ?
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ये व्यवस्था 2019 में 103वें संविधान संशोधन के बाद लागू की गई।
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OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग)
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आधार: ये श्रेणी सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर आधारित है।
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पात्रता:
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केवल गैर-क्रीमी लेयर (Non-Creamy Layer) OBC समुदाय के लोग।
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आरक्षण: 27% सीटें OBC वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
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आय गणना नियम:
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पारिवारिक आय की गणना में पति-पत्नी की आय जोड़ी जाती है।
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खेती और वेतन से होने वाली आय को इस गणना में शामिल नहीं किया जाता।
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मुख्य अंतर एक नजर में
सीधे शब्दों में कहें तो – EWS गरीब सवर्णों के लिए है, जबकि OBC सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए। दोनों ही वर्गों को आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन इनके पात्र होने के आधार अलग-अलग हैं। यही वजह है कि आरक्षण की बहस में अक्सर इन दोनों श्रेणियों का जिक्र साथ-साथ होता है।
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