अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम गुरुवार को गिर गए। दरअसल, फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती फिलहाल ना करने के संकेत दिए हैं, जिससे बाज़ार में मंदी का डर पैदा हो गया है। इसके अलावा अमेरिका ने ईरान पर भी नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे कच्चे तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।
तेल के दाम अक्सर वैश्विक आर्थिक गतिविधियों और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से प्रभावित होते हैं। हाल के दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव से कच्चे तेल के दामों को सहारा मिला था। लेकिन अब निवेशकों का ध्यान अमेरिकी फेडरल रिज़र्व के फ़ैसलों पर है।
अमेरिका में पिछले हफ्ते बेरोज़गारी के दावे बढ़े हैं। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में थोड़ी सुस्ती आ रही है। फेडरल रिज़र्व के अध्यक्ष जेरोम पावेल ने बुधवार को कहा था कि ब्याज दरों में जल्दी कटौती की संभावना नहीं है। इन खबरों से कच्चे तेल के दाम लुढ़क गए हैं। ‘ब्रेंट क्रूड ऑयल’ 43 सेंट गिरकर $88.92 प्रति बैरल, और ‘WTI’ 57 सेंट गिरकर $84.86 प्रति बैरल पर पहुंच गया है।
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध भी तेल बाज़ार को प्रभावित कर रहे हैं। ईरान तेल उत्पादक देशों के संगठन OPEC का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। अगर ईरान को तेल बेचने में दिक्कत होती है, तो इससे मार्केट में तेल की कमी हो सकती है और भाव अचानक बढ़ सकते हैं।
हाल के दिनों में OPEC समूह ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की है। इससे भी तेल के भाव चढ़े थे। भारत में गुरुवार को MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर कच्चे तेल का भाव करीब 1% गिरकर ₹7095 प्रति बैरल पर आ गया।